राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के यह दावा करने से कि नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने से पहले उनकी पार्टी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी बीजेपी नाराज हो गई है. दरअसल नेता प्रतिपक्ष सोमवार को बिहार विधानसभा में पत्रकारों के उस सवाल पर जवाब दे रहे थे जिसका संबंध एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की तुलना मूर्ति से करने से जुड़ा था. तेजस्वी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के प्रति उनकी कोई दुर्भावना नहीं थी. उनकी पार्टी यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का समर्थन कर रही है, क्योंकि वो मुखर हैं और उनसे केंद्र में सरकार पर कुछ नियंत्रण रखने की उम्मीद की जा सकती है.
जब उनसे कहा गया कि नित्यानंद राय ने भी द्रौपदी मुर्मू के बारे में उनकी टिप्पणी की आलोचना करते हुए एक बयान जारी किया है, तो इस पर तेजस्वी ने मुस्कुराते हुए कहा कि उनके बारे में बात मत करें. केंद्र में मंत्री बनने से पहले वो मुझसे मिले थे और मेरी पार्टी (आरजेडी) में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी. तेजस्वी यादव के इस दावे पर बीजेपी भड़क उठी है. पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने इसे तेजस्वी यादव का अनर्गल प्रलाप बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी को अपनी राजनीति आगे बढ़ाने के लिए झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है, तो समझ लेना चाहिए कि परिवार (लालू परिवार) की दुकान बंद होने वाली है.
आनंद ने आरोप लगाया कि राजनीति में नित्यानंद राय के बढ़ते कद को देख कर तेजस्वी यादव को घबराहट हो रही है. लालू परिवार कभी नहीं चाहता कि यादव समाज का कोई व्यक्ति उनके परिवार से बाहर केंद्र या राज्य में मंत्री बने अथवा किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री बने. उन्होंने कहा कि जब नित्यानंद राय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी तब तेजस्वी यादव बहुत छोटे रहे होंगे. तेजस्वी को अपनी उम्र, अनुभव और हैसियत का अंदाजा नहीं है, इसीलिए वो अनर्गल प्रलाप कर के सुर्खियां बटोरना चाहते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आरजेडी के नेता ने पहले द्रौपदी मुर्मू का अपमान किया, और अब नित्यानंद राय के बारे में झूठ बोलकर चरित्र हनन कर रहे हैं.