बिहार के दरभंगा जिले में महामारी का रूप ले चुके Coronavirus से लड़ने के लिये जेल प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। दरभंगा मंडलकारा में बंद बिचारधीन कैदियों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से गंभीर है। इसे लेकर कारा के अस्पताल में दो बेड का न केवल आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, बल्कि 24 घंटे चिकित्साकार्मियों की टीम अलर्ट मोड पर हैं। बंदियों के लिये जेल के भीतर ही मास्क तैयार किया जा रहा है। हुनरमंद बंदियों की टोली लगातार मास्क तैयार कर रही है। इसे बंदियों को मुहैया कराया जा रहा है। बंदियों की सुरक्षा को लेकर मंडल कारा प्रशासन की संजीदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। जेल में बाहर से आने वाले लोगों को बिना सेनेटाइजेशन के प्रवेश नहीं दिया जा रहा। वहीं नये बंदियों को भी हेल्थ चेकअप के बाद ही आम बंदियों के साथ रखा जा रहा है। जेल अधीक्षक खुद इस पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बता दे कि विश्व में कोरोना महामारी का रूप ले चुका है। कोरोना से बचाव के लिये सरकार की ओर से कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये है। एहतियात बरतना ही इससे बचाव के मुख्य उपाय है। सभी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
मास्क तैयार करने के लिये सिलाई-कढ़ाई में पांच महिला बंदियों की एक टीम तैयार की गयी है। मास्क तैयार करने के लिये इन महिलाओं को स्टीचिंग की ट्रेनिंग दी गई। साथ ही मशीन उपलब्ध करायी गई है। महिला बंदियों की टोली अनवरत मास्क तैयार कर रही है। जेल अधिक्षक संदिप कुमार के अनुसार प्रतिदिन लगभग एक सौ मास्क को सेनेटाइज कर सर्वप्रथम मंडलकारा में बंद कैदियों को दिया जा रहा है। जेल में लगभग 600 से 650 विचारधीन कैदी है। इनमें से अधिकांश को मास्क दिया गया है। वहीं मंडलकार में कार्यरत कर्मियों को भी जेल में बन रहे मास्क को पहनाया जा रहा है। जेल अधीक्षक ने बताया कि उनका प्रयास है कि मंडलकारा में रह रहे विचाराधीन कैदियों से मिलने आने वाले लोगों को भी महिला बंदियों की टोली की ओर से निर्मित मास्क उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा निर्मित मास्क को आमजन के लिये बाजार में उपलब्ध कराने का प्रयास है। जेल अधीक्षक ने बताया कि मंडलकारा में आने वाले नये कैदियों को लेकर विशेष एहतियात बरता जा रहा है। मंडलकारा आने वाले नये कैदियों को स्वास्थ्य जांच के उपरांत 3 से 7 दिन तक आमद वार्ड में आम बंदियों से अलग रखा जाता है।