राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद अब पूरा जोर इसके अमल को लेकर है। इसके तहत PM Narendra Modi 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा के विषय पर देशभर के शिक्षकों को वर्चुअल संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान PM ने कहा कि नई राष्ट्रीय Education Policy नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले 4-5 वर्षों की कड़ी मेहनत है। राष्ट्रीय Education Policy के अमल और सभी जिम्मेदार लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए ‘शिक्षा पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है। यह पर्व 8 से 25 सितंबर तक चलेगा।
- कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय Education Policy को लागू करने के बारे में देश भर के शिक्षकों से सुझाव मांगे थे। एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। ये सुझाव राष्ट्रीय Education Policy को और ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद करेंगे।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले 4-5 वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है। लेकिन ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है। - राष्ट्रीय Education Policy के ऐलान होने के बाद बहुत से लोगों के मन में कई सवाल आ रहे हैं। ये शिक्षा नीति क्या है? ये कैसे अलग है। इससे स्कूल और कॉलेजों में क्या बदलाव आएगा। हम सभी इस कार्यक्रम में इकट्ठा हुए हैं ताकि चर्चा कर सकें और आगे का रास्ता बना सकें।
मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय Education Policy को लागू करने के इस अभियान में हमारे प्रधानाचार्य और शिक्षक पूरे उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे थे। एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। - पिछले 3 दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया, हर व्यवस्था बदल गई। इन 3 दशकों में हमारे जीवन का शायद ही कोई पक्ष हो जो पहले जैसा हो। लेकिन वो मार्ग, जिस पर चलते हुए समाज भविष्य की तरफ बढ़ता है, हमारी शिक्षा व्यवस्था, वो अब भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही थी।
आज हम सभी एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं, जो हमारे देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है, जिसमें नए युग के निर्माण के बीज पड़े हैं। नई Education Policy 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है।
मोदी इससे पहले 7 सितंबर को भी राष्ट्रीय Education Policy को लेकर राज्यपालों और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं। इसमें उन्होंने Education Policy के अमल का पूरा रोडमैप दिया था। साथ ही कहा था कि इसेलागू करने को लेकर ज्यादा लचीला रुख अपनाया जाए। मोदी इससे पहले भी कई मौकों पर राष्ट्रीय Education Policy के अमल को लेकर अपनी बात रख चुके हैं। हालांकि, अब तक के आयोजनों में यह इसलिए भी अलग है, क्योंकि इनमें नीति लागू कराने वाली जमीनी टीम शामिल है।
इससे पहले 7 सितंबर को PM मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भूमिका पर आयोजित राज्यपालों और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेश नीति, रक्षा नीति की तरह ही शिक्षा नीति भी देश की होती है, किसी सरकार की नहीं। जिस प्रकार नीति को लचीलेपन के विजन के साथ लाया गया है, उसी तरह सभी को इसके अमल को लेकर भी ज्यादा-से-ज्यादा लचीलापन दिखाना होगा। साथ ही यह भी कहा कि यह नीति सिर्फ पढ़ाई-लिखाई के तौर-तरीकों में ही बदलाव के लिए नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है।