कभी भारतीय सेना की शान रहे युद्धक टैंक T-55, जिसने जंग में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे, अब वही T-55 राजभवन की शान बन गया है। इस खास अवसर पर राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि सेना के टैंक को देखकर हर आम आदमी को प्रेरणा मिलेगी, कि किस तरह हमारी वीर जवान सीमा पर देश की रक्षा करते हैं।
भारतीय सेना की रीढ़ रहा T-55 टैंक उन जवानों के साहस और वीरता का प्रमाण हैं जिन्होनें अपने देश के लिए पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया। इस मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव व अधिकारीगण सहित अन्य उपस्थित थे।
बता दें T-55, 1965 से भारतीय सेना में शामिल था। साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान T-55 मोर्चे पर प्रमुख आधार था। वहीं पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान के T-59 टैंको के विरुद्ध जम्मू कश्मीर में भारत की 9 ‘Decan horse’ और 72 ‘ARMOURED’ रेजिमेंट के द्वारा पाकिस्तान की तरफ से किये हमले को विफल करने में इस्तेमाल किया गया था। जिसके लिए इसे बैटल ऑनर ऑफ छम्ब और थिएटर ऑनर ऑफ जम्मू कश्मीर से सम्मानित किया गया।
