Swami Vivekananda Jayanti, National Youth Day 2023: स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) को धर्म और अध्यात्म के प्रति गहरा लगाव था. उन्हें धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य का ज्ञाता कहा जाता है। वह एक ऐसे महापुरुष थे जिनकी ओजस्वी वाणी और मूल मंत्र आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए जो बातें कहीं वह आज भी याद की जाती है। यही कारण है कि हर साल स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के के रूप में मनाया जाता है।
बता दें कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी 1863 में बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ था। उन्होंने राष्ट्र के प्रति समर्पण और स्वाभिमान भाव का संकल्प लिया उनके द्वारा कही बातें जैसे- ‘यह संसार कायरों के लिए नहीं है’, ‘आप का संघर्ष जितना बड़ा होगा जीत भी उतनी बड़ी होगी’, ‘जिस दिन आपके मार्ग में कोई समस्या ना आए, समझ लेना आप गलत मार्ग पर चल रहे हो’ जैसे स्वामी विवेकानंद द्वारा कई परिवर्तित उत्प्रेरक मंत्र को युवा जागरण का प्रतीक माना जाता है।
स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय युवा दिवस
विवेकानंद की जयंती के दिन यानी 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका कारण यह है कि उन्होंने कई मौकों पर अपने अनमोल और प्रेरणादायक विचारों से युवाओं को प्रोत्साहित किया है। स्वामी जी की जयंती को युवा दिवस मनाए जाने की घोषणा तात्कालिक भारत सरकार द्वारा 1984 में की गई थी। इसके बाद से ही हर साल 12 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती पर जानिए रोचक बातें
इस साल यानी 2023 में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की 160वीं जयंती होगी। विवेकानंद का निधन महज 39 साल की उम्र में हो गया था।
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने 25 साल की उम्र में सांसारिक मोह का त्याग कर दिया और संयासी बन गए।
युवाओं को संबोधित करते हुए उनके कुछ खास संदेश आज भी समसामयिक और उपयोगी हैं।
साल 1900 में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) यूरोप से भारत आए तो बेलूर अपने शिष्यों के साथ समय बिताने चले गए। यह उनके जीवन का आखिरी भ्रमण था। इसके दो साल बाद 4 जुलाई 1902 को उनकी मृत्यु हो गई।
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इसके बाद 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी।
11 सितंबर 1893 में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का अमेरिका के शिकागों में धर्म संसद में दिया भाषण ऐतिहासिक माना जाता जाता है। यहां उन्होंने अपने भाषाण की शुरुआत ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’ कह कर की थी.
स्वामी विवेकानंद के मूल मंत्र, जो युवाओं के लिए हैं प्रेरणा
उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।
हमारा कर्तव्य है कि हर संघर्ष करने वाले को प्रोत्साहित करना है ताकि वह सपने को सच कर सके और उसे जी सके।
जब तक तुम खुद पर भरोसा नहीं कर सकते तब तक खुदा या भगवान पर भरोसा नहीं कर सकते।
यदि हम भगवान को इंसान और खुद में नहीं देख पाने में सक्षम हैं तो हम उसे ढ़ूढ़ने कहां जा सकते हैं।
जितना हम दूसरों की मदद के लिए सामने आते हैं और मदद करते हैं उतना ही हमारा दिल निर्मल होता है। ऐसे ही लोगों में ईश्वर होता है।