टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। DoT की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। टेलीकॉम कंपनियों को DoT का 92 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया अदा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि ये बकाया कितने समय में दिया जाएगा वो कोर्ट तय करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि AGR यानी समायोजित सकल राजस्व में लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग के अलावा अन्य आय भी शामिल है। इनमें कैपिटल एसेस्ट की बिक्री पर लाभ और बीमा क्लेम AGR का हिस्सा नहीं होंगे। टेलीकॉम कंपनियों ने इसके लिए 6 महीने का वक्त मांगा था।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आठ टेलीकॉम कंपनियों को उन पर बकाया 92,000 करोड़ रुपये की रकम चुकाने के निर्देश दिए हैं। इस रकम के साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को पेनल्टी भी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को एक तय समय में बकाया रकम सरकार को चुकानी होगी। कोर्ट ने इसके लिए कंपनियों को 6 महीने का वक्त दिया है। कोर्ट इस मामले में जल्द अगला आदेश पारित करेगा।