भारत ने सोमवार को टैंक विध्वंसक मिसाइल ‘हेलिना’ का एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘परीक्षण संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किया गया.’ इसने कहा कि परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर से राजस्थान के पोखरण रेंज में किया गया और मिसाइल को एक प्रतिकृति टैंक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागा गया. मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल एक ‘इमेजिंग इन्फ्रा-रेड’ कौशल प्रणाली से निर्देशित होती है. इसने कहा, ‘यह (मिसाइल) दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी अस्त्रों में से एक है.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त प्रयास के माध्यम से पहली उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी. DRDO ने अपनी ‘नाग’ रेंज में कई टैंक रोधी मिसाइलों को सफलतापूर्वक विकसित किया है. नाग मिसाइल की मारक क्षमता उसके प्रक्षेपण प्रकार के आधार पर 500 मीटर से 20 किमी के बीच कहीं भी हो सकती है. इन हथियारों की अधिकतम गति लगभग 230 मीटर प्रति सेकंड (828 किमी/घंटा) है. हेलिना मिसाइल नाग रेंज में हेलीकॉप्टर द्वारा लॉन्च किया गया संस्करण है. हेलिना थर्ड जेनरेशन की फायर एंड फॉरगेट क्लास की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है.
वहीं, इसकी विस्तारित सीमा है. इसका लॉन्च सिस्टम रुद्रस्टा ट्विन-लॉन्चर सिस्टम के माध्यम से एचएएल के रुद्र हेलीकॉप्टर पर लगाया गया है. इसे एचएएल के हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों पर भी लगाया जा सकता है. अपग्रेड से पहले, नाग को ‘फायर-एंड फॉरगेट’, लॉक-ऑन-प्री-लॉन्च मिसाइल माना जाता था.