बीजेपी और कांग्रेस के लिए हटिया सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। बीजेपी आजसू गठबंधन में भी हटिया को लेकर रार है। आजसू ने हटिया सीट पर दावेदारी पेश की है जबकि बीजेपी अपने उम्मीदवार को लड़ाना चाहती है। वहीं कांग्रेस इस सीट को फिर से पाना चाहती है। कांग्रेस 2012 में हुए उपचुनाव से लेकर अब तक इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है। इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय सहित छह लोगों ने दावेदारी पेश की है। इसमें रवींद्र सिंह, आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, विनय सिन्हा दीपू और प्रेम प्रकाश के भी नाम शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार रेस में सबसे आगे सुबोधकांत सहाय चल रहे हैं।
12 दिसंबर को होनी है वोटिंग
तीसरे चरण में हटिया विधानसभा सीट के लिए 12 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. हटिया सीट कांग्रेस के लिए शुरू से ही खास रहा है. वर्ष 2005 और 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में हटिया सीट और चुनाव परिणाम काफी चर्चा में रहा. इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर गोपाल शरण नाथ शाहदेव को जीत मिली थी. गोपाल शरण नाथ शाहदेव ने महज 25 वोटों से भाजपा के रामजीलाल सारड़ा को हराया था. भाजपा ने चुनाव परिणाम पर असहमति जतायी थी और इस मामले को कोर्ट भी ले गया था.
2012 के बाद यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई
वर्ष 2012 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हाथों से यह सीट निकल कर आजसू के हाथों में चल गई और नवीन जायसवाल विधायक बने. वहीं सुबोधकांत के छोटे भाई सुनिल सहाय तीसरे नम्बर पर रहे. वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में नवीन जायसवाल दोबार विधायक बने लेकिन इस बार वो झाविमो के टिकट से. इस चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस को तीसरे स्थान से सन्तोष करना पड़ा. अब एक बार फिर कांग्रेस 2019 में विधानसभा चुनाव में इस सीट पर अपनी ताकत झोंकने को तैयार है.