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किसानों का आम लोगों के लिए माफीनामा- हक के लिए धरना, मजबूरी समझें

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को अब 2 हफ्ते से अधिक हो गया है। कड़ाके की ठंड में भी किसान डटे हुए हैं, लेकिन इस धरने के कारण आम लोगों को कुछ परेशानी भी हो रही है। अब इसी परेशानी को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने एक माफीनामा निकाला है, जिसमें उन्होंने आम लोगों को हो रही दिक्कतों के लिए खेद जताया है। हालांकि, ये भरोसा भी दिया है कि अगर किसी मरीज या जरूरतमंद को कोई परेशानी होगी, तो तुरंत हमसे संपर्क करें।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के जरिये देश के कई किसान संगठन नए किसान बिल को लेकर धरना दे रहे हैं। दिल्ली का सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और अब राजस्थान से हरियाणा को जोड़ने वाला बॉर्डर बंद पड़ा हुआ है।

किसानों द्वारा निकाले गए पर्चे में लिखा गया है, ‘हम किसान हैं, लोग हमें अन्नदाता कहते हैं। PM कहते हैं वह हमारे लिए 3 कानून की सौगात लेकर आए हैं, हम कहते हैं ये सौगात नहीं सजा है। हमें सौगात देनी है तो फसल का उचित मूल्य देने की कानूनी गारंटी दें।’

इसमें आगे लिखा गया है, ‘सड़क बंद करना, जनता को तकलीफ देना हमारा कोई उद्देश्य नहीं है, हम तो मजबूरी में यहां बैठे हैं। फिर भी हमारे इस आंदोलन से आपको जो तकलीफ हो रही है उसके लिए आपसे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं’।

साथ ही किसानों ने भरोसा दिलाया है, ‘अगर किसी भी बीमार या बुजुर्ग को दिक्कत हो, Ambulance रुकी हो या और कोई इमरजेंसी हो तो कृपा हमारे वॉलिंटियर से सम्पर्क करें वो आपकी तुरंत मदद करेंगे। मैं एक किसान।’


गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन के कारण कई रास्ते बंद हैं, कई जगह डायवर्जन है और जाम लगता है। हालांकि, ऐसा कई बार देखने को आया है कि किसान Ambulance के लिए खुद ही रास्ता बना रहे हैं। इसके अलावा किसानों के द्वारा जो लंगर तैयार किया जा रहा है, उसमें सिर्फ प्रदर्शनकारियों को ही नहीं बल्कि अन्य आम लोगों को भी प्रसाद दिया जा रहा है।

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