आज हम आपको एक ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे है जहा उसके टीम इंडिया तक पहुचने की वजह सिर्फ उसकी मेहनत नहीं बल्कि उसके पिता का जुनून भी शामिल है . शिवम दुबे भले ही अब बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाजी करने के लिए तैयार है , लेकिन असल में उसे वहां तक पिता राजेश दुबे के जुनून ने पहुंचाया है। 27 साल के शिवम का चयन भारत की टी-20 क्रिकेट टीम मेंहो चुका है। चार साल की उम्र में उसके हुनर को सबसे पहले मुंबई के अंधेरी स्थित घर में काम करने वाले उनके नौकर ने परखा था। उन्होंने शिवम् के पिता को बताया था कि उनका बेटा बढ़िया क्रिकेट खेलता है। तब सातवीं कक्षा पास उसके पिता पर उसे क्रिकेटर बनाने का जुनून सवार हो गया।
10वीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले शिवम ने क्रिकेट को ही अपना सब कुछ मान लिया। पिता ने घर में शिवम के लिए विकेट एक तैयार किया। वहीं, सुबह और शाम वह लगातार घंटों अभ्यास करते थे। पिता गेंदबाजी करते और शिवम बल्लेबाजी। राजेश रोज अपने बेटे को को 500 गेंद फेंकते थे। यह अभ्यास 10 साल के लम्बे समय तक चला। वही शिवम की मालिश करते और डाइट प्लान तैयार करते। ग्राउंड में बेटे केसाथ उसके पिता भी उसके सपनो के लिए दौड़ते थे ।
बिक गया कारोबार भी
पुत्र को क्रिकेटर बनाने में पिता का जींस का कारोबार तक बिक गया। माता माधुरी दुबे ने भी बेटे का दिल खोलकर साथ दिया। उन्हें भी क्रिकेट बहुत पसंद है। शिवम बताते हैं कि उनके पिता ने उन्हें सफल बनाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। पिता ने शिवम के साथ दिन-रात एक कर दिया। शिवम ने भी खूब संघर्ष किया है। दोस्तों ने भी शिवम का हौसला बढाने में कोई कमी नहीं छोड़ी ।