सपा विधायक ने चोरी से बांग्लादेशियों को बसाया, 26 साल बाद योगी की पुलिस ने पकड़ा

UP Police Arrested a Bangladeshi from Kanpur: कानपुर में सपा विधायक इरफान सोलंकी द्वारा कई बांग्लादेशी नागरिकों को चोरी से बसाए जाने का मामला सामने आया है। यह सभी बांग्लादेशी चोरी-छिपे यूपी के कानपुर में रह रहे थे। मगर इनकी भनक योगी की पुलिस को लग गई। अब 5 बांग्लादेशियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 14 लाख रुपये नकद समेत अन्य महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए गए हैं।

कानपुर नगर पुलिस कमिश्‍नरेट के मूलगंज थानाक्षेत्र में पुलिस ने फर्जी भारतीय पासपोर्ट, बांग्लादेशी पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज रखने और अवैध रूप से यहां रहने के आरोप में एक बांग्लादेशी नागरिक, उसकी पत्नी, दो बच्चों और उसके बुजुर्ग ससुर को रविवार को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 14 लाख रुपये से अधिक नकद भी बरामद किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार मूलगंज थाना क्षेत्र के पॉश मेस्टन रोड से बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद (53) और उसकी पत्नी हिना खालिद तथा उसके पिता खालिद माजिद (79) समेत परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जब वे यहां घूम रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 13 फर्जी पासपोर्ट, पांच आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र, विदेशी मुद्रा, सोने के गहने और 14 लाख रुपये से अधिक की भारतीय मुद्रा भी जब्त की हैं।

सपा विधायक ने जारी किया था प्रमाण पत्र

पुलिस की जांच में पता चला है कि जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी और स्थानीय नगर सेवक मन्नी रहमान ने बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद को प्रमाण पत्र जारी किया था, जो मूल रूप से बांग्लादेश के खुलना का रहने वाला है और उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें कानपुर के नागरिक के रूप में पहचाना। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर ही आरोपियों ने भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड प्राप्त किए । संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनन्‍द प्रकाश तिवारी ने बताया कि सोलंकी और रहमान के हस्ताक्षर से उनके द्वारा कथित रूप से जारी किए गए प्रमाण पत्रों में किए गए हस्ताक्षरों से मिलान करने का निर्णय लिया गया है। तिवारी ने कहा कि अगर जांच में यह पाया गया कि प्रमाण पत्र उनके द्वारा जारी किए गए थे तो सपा विधायक और नगरसेवक पर भी संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

26 साल से रह रहे थे बांग्लादेशी
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि चार संदिग्ध व्यक्ति मेस्टन रोड की ओर जा रहे हैं जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोका और पाया कि उनके पास पासपोर्ट, वीजा और आधार कार्ड जैसा कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों के साथ उनके ठिकानों पर गई और बांग्लादेश के पासपोर्ट और उनकी बांग्लादेशी नागरिकता की पुष्टि करने के साथ-साथ भारतीय पासपोर्ट भी पाए गए, जिन्हें उनके आवास से जब्त किया गया। गिरफ्तार रिजवान ने शुरुआत में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में गहन पूछताछ में वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ में रिजवान ने माना कि वह 1996 में पर्यटक वीजा पर भारत आया और उसने 1998 में दिल्ली में हिना खालिद के साथ शादी की।

अधिकारी ने बताया कि हिना भी बांग्लादेश में घुसपैठ कर गई थी, जहां से उसने भारत लौटने से पहले बांग्लादेश का पासपोर्ट प्राप्त किया था। उनके बच्चे रुखसार रिजवान (21) और उनका 17 वर्षीय बेटा भी अवैध रूप से बांग्लादेश गए थे और उन्होंने बांग्लादेशी पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था। गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ 14 विदेशी अधिनियम के अलावा भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी और षड़यंत्र समेत कई संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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