DELHI HIGH COURT Petition

बेटे की उम्र 18 हो जाए तो पिता की जिम्मेवारी समाप्त नहीं हो जाती-दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को अपने एक फैसले में कहा कि बेटे के 18 साल पूरा कर लेने पर पिता की जिम्मेवारी समाप्त नहीं हो जाती है. बेटे को आगे की भी पढ़ाई करनी है। कोर्ट ने पिता को निर्देश दिया कि जब तक बेटा बालिग नहीं होता या नौकरी करना शुरू नहीं करता, तब तक पिता उसकी मां को 15 हजार रुपये प्रति महीने गुजारा भत्ता देता रहे।


Delhi High Court ने यह निर्देश बच्चे की मां की अर्जी पर दिया है। दरअसल इस महिला के द्वारा गुजारा भत्ता को लेकर दी गई याचिका फैमिली कोर्ट के समक्ष लंबित है। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट से कहा कि वह 2008 से लंबित इस मामले की जल्द सुनवाई कर साल भर के भीतर समाप्त करें। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकार्ता मां का वेतन उसके अपने गुजारे के लिए भी पर्याप्त नहीं है। ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि 18 साल के होने पर पिता की बेटे के प्रति जिम्मेदारी पूरी हो जाती है और उसकी शिक्षा का पूरा खर्च मां पर आ जाता है। पिता बेटे के गुजारे के लिए थोड़ी सी रकम खर्च कर अपनी जिम्मेवारी से भाग नहीं सकता।


पत्नी ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि वह नगर निगम में अपर डिविजन क्लर्क है और उस की मासिक आय 44 हजार रुपए के आसपास है, जबकि खर्च लगभग 75 हजार। वहीं, बच्चे की पिता एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में जॉइंट जनरल मैनेजर हैं और उनकी आय 96 हजार रुपये के आसपास है। कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद यह कहा कि इस मामले में पिता अपने पुत्र को भत्ता देगा।

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