मध्य प्रदेश में इस बार भारी बारिश और बाढ़ के चलते मंदसौर, नीमच और कई अन्य जिलों में फसलों के अलावा संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा है। केंद्रीय दल भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वे कर चुका है। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर में किसानों को मांगों को पूरा करने के लिए धरना दिया।
वो नए कलेक्टोरेट भवन के बाहर ही जनता अदालत लगाकर बैठ गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, “प्रशासन ने धारा 144 लगाई है, अब वो चाहे तो 288 भी लगा दे, पर बाढ़ पीड़ितों की लड़ाई पूरी लड़ूंगा। हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं है। मैं तो बाढ़ पीड़ितों की मदद चाहता हूं। अगर मैं मुख्यमंत्री होता तो खाते में पैसा आ गया होता, सामान पहुंच गया होता। सरकार सो रही है। मैं जनता की लड़ाई लड़ता रहूंगा। कोई गाली दे इसकी मुझे फिक्र नहीं है।”
वो यहीं नहीं रूके उन्होंने धरना प्रदर्शन को लेकर कहा कि, “आज हम सड़क पर नहीं उतर रहे हैं। हमने जनता की अदालत लगाई है। जनता अपनी तकलीफ बताए कि गांवों में कैसी तबाही हुई है। सरकार से कहेंगे कि जनता की सारी तकलीफें दूर करो। नहीं सुनेगी तो चैन की सांस नहीं लेने देंगे। धरना इसलिए किया कि सरकार जाग जाए।” बड़ी संख्या में लोग अपने बिजली के बिल, खराब फसल ओर व्यापारी अपना खराब माल लेकर शिवराज सिंह के सामने पहुंचे हुए हैं।
शिवराजसिंह ने कहा कि आज हर पीड़ित की बात सुनूंगा और फिर ही कुछ कहूंगा। प्रदेश भाजपा महामंत्री बंशीलाल गुर्जर सहित मंदसौर, नीमच, गरोठ, मनासा, मल्हारगढ़, जावरा के विधायक तथा संसदीय क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं, महिलाओं, किसानों की उपस्थिति में बाढ़ पीड़ितों की तत्काल सहायता की मांगों को लेकर जनसभा जारी है।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह और भाजपा विधायकों ने किसानों को ये भरोसा दिलाया कि वो हक की लड़ाई में किसानों के साथ खड़े हैं। किसानों को उचित मुआवजा मिले, इसके लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे। शिवराज सिंह खुद और मंदसौर के सांसद के अलावा कई विधायक पहले ही बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपने एक महीने का वेतन देने की घोषणा कर चुके हैं। प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार धरना प्रदर्शन और जन अदालत शाम तक जारी रहेगी और रात्रि जागरण भी होगा।