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रणदीप सुरजेवाला ने शेयर किए देश के “पैसे की लूट” की असली कहानी!

नई दिल्ली- कांग्रेस के प्रवक्ता Randeep Surjewala ने एक ट्वीट कर बिना नाम लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सुरजेवाला ने ट्वीट के साथ एक कैप्शन भी लिखा है देश के “पैसे की लूट” की असली कहानी!. सुरजेवाला ने जो ट्वीट किया है उसमें कुल 17 बैंकों के नाम शामिल हैं और साथ उनसे ली गई लोन की रकम भी दी हुई है, जो लगभग 1,47,350 करोड़ है।

Randeep Surjewala ने इशारों में मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पहले भी वो BJP सराकर पर हमलावर रहे हैं। चुनाव से पहले भी उन्होंने BJP के घोषणापत्र को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि BJP के घोषणापत्र से रोजगार, GST, नोटबंदी जैसे मुद्दे गायब हैं। उन्होंने आगे कहा था कि रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन ना जाई। एक तरफ अहंकारी शासक है हैं तो दूसरी तरफ देश की जनता है। BJP नेताओं के भाषण से युवा, रोजगार, कालाधन, नोटबंदी और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के नाम गायब हैं।


किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण अंग एक बैंकिंग सिस्टम होता है। बैंक ही वो जगह है जहां हर कोई अपनी छोटी-बड़ी सेविंग करता है और भविष्य के लिए योजनाएं बनाता है। अब जरा सोचिए की सालों साल आपने अपनी कमाई से थोड़ा-थोड़ा पैसा बचा कर बैंक में जमा किया और अचानक एक दिन आपको पता चले की आपका पैसा डूब गया। दरअसल ऐसी स्थिति बैंकिंग व्यवस्था चरमराने की वजह से होती है।

आपको याद ही होगा महाराष्ट्र में हाल में ही पीएमसी बैंक घोटाला का खुलासा हुआ था। कई ऐसे घोटाले भी याद होंगे जब देश का बड़ा व्यापारी या कारोबारी बैंक लोन न चुका पाने की स्थिति में देश छोड़कर चला गया और बैंक को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगा गया।

आइए आज जानते हैं ऐसे ही देश के बड़े बैंक घोटालों के बारे में जिसकी वजह से बैंकिंग व्यवस्था चरमरा गई….

पंजाब नेशनल बैंक घोटाला

नीरव मोदी का पंजाब बैंक घोटाला आप सबको याद ही होगा। इस बैंक घोटाले को भारत के बैंकिंग क्षेत्र का सबसे बड़ा घोटाला (11,400 करोड़ रुपये) कहा जाता है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी ज्वैलरी कारोबारी नीरव मोदी और उसके चाचा मेहूल चौकसी हैं। बैंकों को 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगाकर दोनों आरोपी विदेश फरार हो गए हैं। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने उसकी 5870 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है।

विजय माल्या का बैंक घोटाला

शराब कारोबारी विजय माल्या ने भी बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का उधार लिया और न चुका पाने की स्थिति में विदेश फरार हो गया है। माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस पर देश के 13 बैंकों का 9,432 करोड़ रुपए का कर्ज था जिनमे सबसे अधिक लोन 1600 करोड़; स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का है, इसके बाद PNB और IDBI प्रत्येक का 800 करोड़ , बैंक ऑफ़ इंडिया का 650 करोड़, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का 550 करोड़ शामिल है। माल्या के विदेश भागने के बाद से लगातार भारत सरकार उसका भारत प्रत्यार्पन कराने की कोशिशों में लगी हुई है।

पीएमसी बैंक घोटाला

पंजाब व महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में एक बड़ा घोटाला हाल में ही सामने आया। यह फाइनैंशल फ्रॉड लगभग एक दशक से चल रहा था। जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि जॉय थॉमस की अगुआई में बैंक मैनेजमेंट ने कंस्ट्रक्शन कंपनी HDIL को फंड दिलाने के लिए हजारों डमी अकाउंट खोले हुए थे। यह खेल करीब 10 साल से चल रहा था। रेगुलेटर को शुरुआत में पता चला कि थॉमस और मैनेजमेंट के कुछ लोगों ने मिलकर 4,226 करोड़ रुपये (बैंक के टोटल लोन का 73% हिस्सा) सिर्फ एक ही कंपनी HDIL को दिए थे, जो अब दिवालिया हो गई है।

रोटोमैक पेन घोटाला

बैंक क्षेत्र को एक और झटका रोटोमैक पैन घोटाले के नाम से मशहूर है। रोटोमैक के प्रमोटर विक्रम कोठारी पर सात बैंकों से 3,695 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है। विक्रम कोठारी ने 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर के बैंकों की मदद ली। इस दौरान कोठारी ने अपने विदेशी खरीदारों और सप्लायर्स को पेमेंट करने के लिए फॉरन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का सहारा लिया। मध्यस्थ व्यापार और पैन की मैन्युफैक्चरिंग में लगी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 से 2013 के बीच नियमित रूप से 15 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये की क्रेडिट रैंगिंग के लिए 7 बैंकों को अप्रोच किया। इनमें कानपुर के द मॉल स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की इंटरनैशनल बिजनस ब्रांच भी शामिल है। इसके बाद पैसे का इस्तेमाल बायर्स और सप्लायर्स का बकाया चुकाने की जगह, पैसे को रोटोमैक और उसकी साहयक कंपनियों में घुमा दिया गया।

आरपी इन्फोसिस्टम बैंक घोटाला

इस मामले में CBI जांच कर रही है। आरोप है कि आरपी इन्फोसिस्टम कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 515 करोड़ का कर्ज लिया और बाद में लौटाने से इनकार कर दिया। यह घोटाला कोलकाता का है और इसमें IDBI बैंक को भी चूना लगाया गया है।

सिम्भावली शुगर्स लोन घोटाला

ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने सिम्भावली शुगर्स पर 200 करोड़ के लोन डिफॉल्ट का आरोप लगाया है। इस मामले में सीबीआई ने कंपनी के चेयरमैन, CEO और MD, CFO और डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए CBI ने कुल 8 ठिकानों पर छापेमारे की है। इन 8 जगहों पर छापेमारी की गई है उनमें एक उत्तर प्रदेश के हापुड, एक नोएडा और 6 ठिकाने दिल्ली के हैं।

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