लत- चाहे ड्रग्स की हो, जुए की हो या फिर सेक्स की, यह दिमाग की केमिस्ट्री को बदल देती है। यही कारण है कि जब कोई व्यक्ति किसी चीज का आदी हो जाता है तो उसके बिना अधीर हो जाता है। यह उसके जीवन के लिए हानिकारक हो सकती है। अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के इंटरनेशनल स्टेटिकल क्लासीफिकेशन ऑफ डिजीज एंड रिलेटेड हेल्थ प्रॉब्लमस और अमेरिकन मनोचिकित्सक एसोसिएशन ने सेक्स की लत को मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया है। इसका कारण था- अलग-अलग लोगों में अलग-अलग सेक्स ड्राइव का होना। हालांकि, अब इस थ्योरी में कुछ बदलाव लाया जा रहा है।
साल 2022 से लागू होने वाले आइसीडी11 में Sex की लत (Sex Addiction) को अलग तरह से परिभाषित किया जा रहा है। इसके अनुसार जब कोई व्यक्ति अपनी लत पर नियंत्रण नहीं रख पाता है, बार-बार Sex के प्रति वह आकृष्ट होता है। उसका यह बर्ताव उसके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करता है तो इसे ‘कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर’ माना जा सकता है। मई 2019 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में प्रस्तुत किए गए आईसीडी11 के अनुसार इस तरह के विकार वाले लोगों को Sex से बहुत कम या फिर ना के बराबर संतुष्टि मिल पाती है। तो आइए सेक्स की लत को विस्तार से समझते हैं…
लक्षण
अन्य दूसरे प्रकार की लतों की तरह ही Sex की लत भी व्यक्ति के दिमाग पर अपना कब्जा कर लेती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स और हस्तमैथुन दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन इनकी लत यानी बिना इसके रह ना पाना, काफी हानिकारक होता है। Sex की लत के निम्न लक्षण होते हैं।
सेक्स का ही व्यक्ति के जीवन का केंद्रबिंदु बन जाना, उसके अलावा अन्य चीजों पर ध्यान न होना।
लत को दूर करने की कोशिश में सफल ना होना।
बार-बार सेक्स या हस्तमैथुन करना। यह जानते हुए भी कि इसके परिणाम प्रतिकूल हो सकते हैं।
अधिक आनंद प्राप्त करने के लिए जोखिम लेने वाले कार्य करना, भले ही इससे उसका व्यक्तिगत या व्यावसायिक जीवन प्रभावित क्यों ना हो रहा हो।
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों ने Sex की लत को अभी तक मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया है। आईसीडी11 के कार्यान्वयन में अभी दो साल से अधिक का वक्त है। हालांकि, कहा गया है कि जब Sex की इच्छा किसी व्यक्ति के रिश्ते, जीवन और परिवार को प्रभावित करने लगे तो उसे डॉक्टरी सहायता लेनी चाहिए।
कारण और जटिलताएं
सेक्स की लत किस कारण होती है यह अभी तक स्पष्ट नही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कई अंतर्निहित मानसिक स्थितियां यौन लत को बढ़ावा दे सकती हैं। डिप्रेशन, अकेलापन, उदासी और यहां तक कि बहुत अधिक खुशी के कारण भी सेक्स की लत लग सकती है।
अगर Sex की लत की जटिलताओं के बारे में बात करें तो इसकी लंबी लिस्ट हो सकती है। Sex की लत से जुड़ा अपराधबोध और शर्म भी व्यक्ति में गंभीर चिंता और अवसाद का कारण बन सकती है। सेक्स की लत व्यक्तिगत संबंधों में खटास पैदा कर सकती है जिसका असर पारिवारिक और व्यावहारिक रिश्तों पर पड़ सकता है
निदान और उपचार
Sex की लत को मानसिक विकार साबित कर पाने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, ऐसे में मानसिक विकारों के निदान के लिए जिन मापदंडों का पालन किया जाता है उस आधार पर सेक्स की लत का निदान नहीं किया जाता है। हालांकि, आईसीडी11 का कहना है कि 6 महीने या उससे अधिक के समय में किसी व्यक्ति में यदि सेक्स के प्रति अनियंत्रित इच्छा हो रही हो, उसका अपनी इच्छाओं पर रोक ना हो तो इसका एक विकार के रूप में निदान किया जाना चाहिए।
सेक्स की लत के उपचार के लिए वर्तमान प्रोटोकॉल निम्नलिखित हैं –
ग्रुप थेरेपी – सेक्स की लत से परेशान लोगों के लिए मेट्रो शहरों के साथ-साथ नॉर्थ-ईस्ट में कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके लिए एक टीम लत से परेशान लोगों से मिलती है और उनसे बातचीत करके लत को छुड़ाने में मदद करती है।
संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी – इस थेरपी में स्वास्थ्य विशेषज्ञ वन ऑन वन सेशन में सेक्स की लत से परेशान लोगों का इलाज करते हैं।
दवा – डॉक्टर को अगर जरूरत लगे तो वह आपको कुछ दवाइयां भी दे सकते हैं जो Sex की लत को कम करने में मदद करती हों। यहां ध्यान रखें इंटरनेट या अपने मन से कोई भी दवाई का सेवन ना करें।