बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है। अविभाजित भारत के कराची में एक सिंधी परिवार में जन्मे आडवाणी आज 93 साल के हो गए हैं। इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री Narendra Modi , गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा उनके निवास पर बधाई देने के लिए पहुंचे। इस दौरान PM ने आडवाणी को फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी सहित कई दिग्गजों ने उनके जन्मदिन पर मुबारकबाद दी थी।
इससे पहले पीएम ने ट्वीट कर दी थी बधाई
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने ट्वीट कर कहा,’BJP को जन-जन तक पहुंचाने के साथ देश के विकास में अहम भूमिका निभाने श्रद्धेय श्री Lal Krishna Advani जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। वे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के साथ ही देशवासियों के प्रत्यक्ष प्रेरणास्रोत हैं। मैं उनकी लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं’।
अमित शाह ने भी दी थी बधाई
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी Lal Krishna Advani के जन्मदिवस पर बधाई देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा,’आदरणीय आडवाणी जी ने अपने परिश्रम और निस्वार्थ सेवाभाव से न सिर्फ देश के विकास में अहम योगदान दिया बल्कि भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा के विस्तार में भी मुख्य भूमिका निभाई। उनके जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और ईश्वर से उनके अच्छे स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता हूं’।
पाटी के नींव रखने में अहम योगदान
बता दें कि Lal Krishna Advani साल 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं। Lal Krishna Advani को ऐसे नेताओं में गिना जाता है, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले वह वर्ष 1998 से 2004 के बीच BJP के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। यही नहीं 10वीं और 14वीं लोकसभा में उन्होंने विपक्ष ने नेता के तौर पर भी भूमिका निभाई है। अपने करियर की शुरूआत उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से की थी। साल 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से भी नवाजा गया गया था।
आडवाणी का जन्म अविभाजित भारत के कराची में हुआ
आज ही के दिन 1927 में भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और दिग्गज नेता Lal Krishna Advani का जन्म अविभाजित भारत के कराची में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा कराची के सेंट पैटिक हाई स्कूल में हुई। इसके बाद सिंध के हैदराबाद में गवर्नमेंट कॉलेज में दाखिला लिया। 1941 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। विभाजन के बाद भारत आ गए। 1951 में जनसंघ से जुड़े। BJP के 3 बार अध्यक्ष और देश के उप प्रधानमंत्री रहे। 2015 में पद्मविभूषण से नवाजे गए। अब राजनीति में उनकी सक्रियता कम हो गई है।