रामलला के जन्मस्थान अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीमकोर्ट में चल रही नियमित सुनवाई के बीच अचानक विहिप के स्थानीय मुख्यालय कारसेवकपुरम और राममंदिर निर्माण कार्यशाला की सुरक्षा बढ़ा दी गई। मेला और कुछ अन्य संवेदनशील मौकों को छोड़कर दोनों स्थलों पर जहां नाममात्र के सुरक्षाकर्मी रहते थे। राममंदिर की दावेदारी से जुड़े यह अहम केंद्र शुक्रवार व शनिवार को आधा-आधा दर्जन पीएसी के जवानों की निगरानी में हैं। हर आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
प्रदेश के खुफिया इनपुट के अनुसार इन स्थलों पर गड़बड़ी फैलाकर देश का अमन-चैन को खतरे में डालने की साजिश रची जा रही है। 1989 में स्थापित कारसेवकपुरम तीन दशक से मंदिर आंदोलन का केंद्र बना हुआ है।
यहां रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का मॉडल संरक्षित होने के साथ विहिप के शीर्ष नेताओं सहित थोक के भाव में कार्यकर्ताओं की नियमित रफ्त-जफ्त बनी रहती है। जबकि मंदिर निर्माण कार्यशाला मंदिर निर्माण की कोशिशों के केंद्र में है।
1991 से संचालित मंदिर निर्माण कार्यशाला में प्रस्तावित मंदिर के लिए दो-तिहाई पत्थरों की तराशी हो चुकी है। पत्थरों की इतनी बारीक नक्काशी हुई है कि जरा सी गड़बड़ी वर्षों की मेहनत पर पानी फेर सकती है तो यहां प्रतिदिन आने वाले हजारों दर्शनार्थियों से यहां की सुरक्षा की अहमियत समझी जा सकती है।
विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं, आमतौर पर इन स्थलों को सुरक्षित माना जाता है पर यदि कुछ ताकतें गड़बड़ी पैदा करना चाहती हैं, तो इन स्थलों की सुरक्षा को लेकर विहिप अपने स्तर से भी गंभीरता बरतेगी।