सहारा समूह (Sahara India) के प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है> बाजार नियामक SEBI ने ओएफसीडी जारी करने में नियामकीय मानकों के उल्लंघन के मामले में सहारा समूह (Sahara India) की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) एवं अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक एवं डीमैट खाते कुर्क करने का सोमवार को आदेश दिया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपने आदेश में कहा कि वैकल्पिक पूर्ण-परिवर्तनीय डिबेंचर (OFCD) जारी करने में सहारा समूह से जुड़े 5 लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उनसे जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है।
14 साल पुराना है मामला
सेबी द्वारा कुर्की का यह आदेश सहारा इंडिया (Sahara India) रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है। सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें। हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी।
इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है। सेबी ने गत जून में जारी अपने आदेश में सहारा समूह (Sahara India) की फर्म और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
रकम नहीं चुकाने पर कार्रवाई के आदेश
यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था। सहारा इंडिया (Sahara India) रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने ये डिबेंचर जारी किए थे।
सेबी के अनुसार, डिबेंचर जारी करने में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन नहीं हुआ था। इस मामले में कुछ दिनों पहले सेबी ने रिकवरी के लिए इन पैसों का भुगतान करने को कहा था लेकिन यह रकम तय समय नहीं चुकाई गई, इसलिए अब सेबी ने कुर्की की इस कार्रवाई का आदेश दिया है।