देशभर में Coronavirus की दशहत के बीच हिमाचल के लिए सुकून भरी खबर है। हिमाचल के चमगादड़ों में अलग किस्म का बैट Coronavirus पाया गया है, जो इंसान के लिए खतरनाक नहीं है। इसी तरह के वायरस लोमड़ी, गीदड़, बंदरों में पाए जाते हैं, पर वे COVID-19 महामारी से संबंधित नहीं होते हैं।
हिमाचल में चमगादड़ों की 27 से 30 प्रजातियां हैं। भारतीय वन्य प्राणी सर्वेक्षण (जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के अनुसार देश में इनकी 127 प्रजातियां हैं। पहाड़ी प्रदेश की बड़ी खूबी यह भी है कि यहां इनका शिकार नहीं किया जाता है। देश में बेशक इनकी तादाद कम हुई है, लेकिन राज्य में इनके ठिकाने ज्यादा नष्ट नहीं हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये प्राणी पर्यावरण संतुलन में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायोलॉजिकल पुणो की लैब में जिन कुछ राज्यों के चमगादड़ों के सैंपल लिए गए थे, उनमें हिमाचल भी शामिल है। हिमाचल में यह सैंपल ऊना और सिरमौर से लिए गए थे। इन प्राणियों का ठिकाना प्रदेश के गर्म इलाकों में हैं। इनमें कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर, मंडी, सिरमौर, सोलन, कुल्लू में ज्यादा पाए जाते हैं। सिरमौर में रेणुका झील के किनारे सफेदे के पेड़ों में इनका वास पाया गया है। आम के पेड़ों में भी इनका वास रहता है। पांच राज्यों के सैंपल में बैट कोरोना वायरस पाया गया।
हिमाचल में चमगादड़ों पर 2005 से 2010 तक सर्वेक्षण किया। करीब 28 प्रजातियां पाई गई। दोबारा ठिकाने देखे तो बरकरार थे। बीमारी के लिहाज से हमने शोध नहीं किया। प्रदेश में इनका शिकार होना नहीं पाया गया।
हिमाचल में चमगादड़ों में COVID-19 संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। जो वायरस पाया गया है, उसकी मृत्यु दर कम है। यह प्राणी से इंसान में नहीं आ सकता है। इनकी संख्या का पता लगाना संभव नहीं है।