कल यानी 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. माना जाता है कि सावन के सोमवार के दिन किए गए उपायों से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
सावन का महीना शंकर भगवान को समर्पित है. भगवान शिव की पूजा के लिए सावन का महीना बेहद खास माना जाता है. इस बार सावन का महीना बहुत ही खास रहने वाला है. इस बार सावन का महीना एक नहीं बल्कि पूरे दो महीने का होने जा रहा है.
सावन के सोमवार के दिन प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है. सावन के पहले सोमवार पर शाम की पूजा का शुभ महूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है. ऐसी मान्यता है कि शाम के वक्त में रुद्राभिषेक करने से शिवजी सभी कष्टों को दूर करते हैं.
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है. सावन सोमवार (Sawan Somwar) के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है. इस साल सावन मास में कुल 8 सावन सोमवार व्रत हैं. 4 सावन सोमवार और 4 सावन अधिक सोमवार व्रत. सावन सोमवार (Sawan Somwar) व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि विधान से की जाती है. जिनको मनचाहे जीवनसाथी की कामना होती है, वे सावन सोमवार (Sawan Somwar) व्रत रखते हैं.
सोमवार का व्रत रने से सुख, समृद्धि और उन्नति की मनोकामना पूरी होती है. सावन सोमवार (Sawan Somwar) व्रत के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. यदि आप उन नियमों को नहीं मनाते हैं तो आपका व्रत निष्फल भी हो सकता है. सावन के पहले सोमवार के दिन बुधादित्य योग का संयोग बन रहा है. सावन को मनोकामना पूर्ति महीना कहा जाता है, क्योंकि त्रिदेव में शिव ही ऐसे देवता है जिनकी सच्चे मन से पूजा की जाए तो वह बेहद जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.
सावन सोमवार (Sawan Somwar) के दिन शिव पूजा जल्द फलित होती है. वैसे तो शिव जी एक लौटा जल से ही खुश हो जाते हैं लेकिन सावन सोमवार की पूजा में कुछ विशेष सामग्री का इस्तेमाल किया जाए तो मनचाहा वरदान मिलता है.