सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर हुए ड्रोन हमले के बाद कंपनी ने उत्पादन ठप कर दिया है। इसकी वजह से सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल व गैस कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने शनिवार को जानकारी दी थी कि ड्रोन हमलों की वजह से 57 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है। इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है।
अरामको के अबकैक और खुरैस संयंत्रों में उत्पादन ठप कर दिया गया है। दोनों संयंत्रों में भीषण आग से काफी नुकसान हुआ है।
कंपनी जल्द उत्पादन शुरू करने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन इसमें वक्त लग सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी थी कि तेल उत्पादन में हुई कटौती की भरपायी कंपनी अपने तेल भंडारों से करेगी। इस हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरान से जुड़े हूती विद्रोहियों ने ली है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में सऊदी पर हमलों के उनके अभियान में और तेजी आएगी। सऊदी पर ऐसे और हमले करने के लिए उन्होंने 10 ड्रोन तैनात किए हैं।
वर्ष 2006 में भी इस संयंत्र पर अलकायदा ने आत्मघाती हमला करने का प्रयास किया था, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था। हूती विद्रोही लंबे समय से सऊदी अरब और यमन सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए हैं। पिछले महीने भी हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के शयबाह नैचुरल गैस की साइट पर इसी तरह से ड्रोन अटैक किया था। मई में भी इन्होंने सऊदी की कई तेल कंपनियों को निशाना बनाया था। हादी का समर्थन करने और हूती विद्रोहियों के खिलाफ यमन की सेना की मदद करने की वजह से सऊदी अरब भी उनके निशाने पर आ गया है। सऊदी की सेना भी हर दिन यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले कर रही है। इसका बदला लेने के लिए हूती भी सऊदी अरब पर मिसाइल दाग रहे और ड्रोन हमले कर रहे हैं।