Sadak 2 Review: मां की मौत का बदला लेने निकली आलिया, कहानी में कई मोड़

सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा डिसलाइक होने के लिए अब तक सुर्खियों में रही सड़क 2 ने हॉटस्टार पर दस्तक दे दी है। इस फ़िल्म से एक अरसे बाद महेश भट्ट डायरेक्शन में वापसी कर रहे हैं। फिल्‍म में आलिया भट्ट, आदित्‍य रॉय कपूर, संजय दत्‍त नजर आ रहे हैं। पूजा भट्ट में छोटे रोल में हैं। फिल्‍म 28 अगस्‍त को OTT प्‍लेटफॉर्म डिज्नी प्‍लस हॉटस्‍टार पर 7:30 पर रिलीज हो चुकी है। पिछले दिनों फिल्‍म को ट्रेलर को लाइक से ज्‍यादा डिस्‍लाइक मिले थे। जानें कैसी है फिल्‍म…

फ़िल्म की शुरुआत आलिया भट्ट के किरदार से होती है जो किसी धर्मगुरु से बदला लेना चाहती है। आलिया आर्या के किरदार में हैं। 90 के दशक में आयी सड़क फ़िल्म के दृश्यों को याद करते हुए संजय दत्त का किरदार सड़क 2 में एंट्री करता है और ये बात साफ हो जाती है कि ये फ़िल्म सड़क की सीक्वल फ़िल्म है। पूजा भट्ट का किरदार मर चुका है लेकिन संजय दत्त का किरदार उसे अपने आसपास महसूस करता है। उससे बात करता रहता है।

पिछली सड़क की तरह सड़क 2 में भी संजय दत्त के किरदार रवि ज़िन्दगी से निराश है। वह इसे खत्म कर देना चाहता है। बार बार आत्महत्या का प्रयास करता रहता है। आज रिलीज हुई आश्रम की तरह सड़क 2 कहानी में भी एक बाबा (makrand deshpande) है। जिसकी अंधभक्ति में आर्या के पिता (जीशु सेनगुप्ता) हैं।

फ़िल्म को आधे घंटे बीत चुके हैं लेकिन कहानी अब तक रफ्तार नहीं पकड़ पायी है। जो भी पर्दे पर अब तक नज़र आ रहा है अब तक अपील नहीं कर पाया है। कहानी के कुछ मोड़ रवि और आर्या के किरदार को आपस में मिला देते हैं। आर्या अपनी मां की मौत का बदला गुरुजी और अपनी सौतेली मां से लेना चाहती है।

कहानी में अब आदित्य रॉय कपूर के किरदार की एंट्री हुई है। गाना गाते हुए, वही पुराना घिसा पिटा अंदाज़। कहानी फर्जी बाबाओं के खिलाफ मुहिम वाली ही है। इस सप्ताह इस पर प्रकाश झा की वेब सीरीज ‘आश्रम’ भी रिलीज हुई है। ऐसे में दर्शक एक ही सब्जेक्ट पर फ़िल्म भी देखकर एन्जॉय करेंगे। यह मुश्किल ही लग रहा है।

कहानी में एक घंटे बाद ही सही थोड़ा सा ट्विस्ट आया है। आदित्य रॉय कपूर का किरदार नेगेटिव नज़र आ रहा है। वो ज्ञान प्रकाश बाबा (मकरंद देशपांडे) से मिला हुआ है और वो आर्या (आलिया भट्ट) को खत्म करना चाहता है। लेकिन आर्या इस सबसे बेखबर है।

कहानी का ये ट्विस्ट मात्र बीस मिनट में खत्म भी हो गया। आदित्य का किरदार विशाल उर्फ मुन्ना का एक घटनाक्रम के बाद हृदय परिवर्तन हो जाता है। कल तक बाबा का भक्त खुद को बताने वाला मुन्ना अब आर्या की हिफाजत बाबा के लोगों से करेगा, रवि के साथ मिलकर।

आदित्य रॉय कपूर का किरदार कहानी में नेगेटिव से पॉजिटिव हुआ ही है कि अब आर्या के पिता (जीशु) सेनगुप्ता का किरदार पॉजिटिव से नेगेटिव हो गया है। वही गुरुजी के साथ मिलकर अपनी बेटी को खत्म करना चाहता है क्योंकि बेटी आर्या आस्था के बड़े व्यापार को खत्म करना चाहती है। जो बहुत बड़ा बिजनेस है।

आखिरकार स्क्रीनप्ले की तरह एक बेहद कमजोर क्लाइमेक्स से कहानी का अंत हो जाता है। 90 की फिल्मों की तरह यहां भी संजू का किरदार बाबा की आर्मी से अकेले भिड़ कर सभी को उनके अंजाम तक पहुँचा देता है। जिसे देखकर इस बात की खुशी होती है कि फ़िल्म आखिरकार खत्म तो हुई।

फ़िल्म ढोंगी बाबाओं की दुनिया कम घरेलू कलह की कहानी ज़्यादा लगती है। कुल मिलाकर इस सड़क 2 में बहुत गड्ढे हैं, इससे दूर रहने में ही भलाई है।

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