जानिए कितनी आसान है लोकल से ग्‍लोबल की राह

PM मोदी ने मंगलवार को दिए अपने संबोधन में 21 वीं सदी को भारत की बनाने के लिए जो रोडमैप दिखाया है उसमें एक चीज बड़ी खास है। इसमें सबसे खास था अपने लोकल प्रोडक्‍ट का ज्‍यादा से ज्‍यादा उपयोग करना और उन्‍हें मल्‍टीनेशनल ब्रांड के सामने लाकर खड़ा कर देना। उन्‍होंने इस संकट को एक बड़ा अवसर बताया है। उन्‍होंने भारत के विकास की गति को इस संकट की घड़ी में आगे बढ़ाने का जो रोडमैप दिखलाया है उससे एसोचैम के महासचिव दीपक सूद भी काफी उत्‍साहित हैं।

भारत में हजारों लोकल प्रोडक्‍ट्स हैं, लेकिन उनको अब तक उस तरह से मार्केट नहीं मिल सकी है कि वे बड़े ब्रांड बन सकें। उनके मुताबिक, कॉमर्स मिनिस्‍ट्री इस संबंध में काफी समय से दूसरे मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसका मकसद इन लोकल प्रोडक्‍ट्स को व्‍यापक तौर पर बनाना और इन्‍हें बड़े पैमाने पर बेचना है। वर्तमान में लगभग हर राज्‍य और उनके कुछ खास शहरों में तरह-तरह के ऐसे काम होते हैं, जिनको लेकर वो पूरे भारत में जाने जाते हैं। इसके बावजूद उनकी मार्केट केवल कुछ दायरे तक ही सीमित है। अब उन्‍हें आगे लाने का मौका है। उन्‍होंने ये भी कहा कि लोकल प्रोडक्‍ट को ब्रांड बनाने के बीच का समय ज्‍यादा लंबा नहीं होगा। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।


सूद मानते हैं कि ये वक्‍त ऐसा है जब हम चीन में मौजूद उन कंपनियों को भारत आने का मौका दे सकते हैं जो वहां से निकलना चाहती हैं। यदि हम ऐसा कर सके तो भारत की विकास की रफ्तार हर दिशा में तेज होगी। इससे रोजगार पैदा होगा और उत्‍पादन के साथ-साथ खपत भी बढ़ेगी। उनके मुताबिक, हमारे अपने ही देश में मांग और पूर्ति इतनी ही है कि हम इस लक्ष्‍य को आसानी से हासिल कर सकते हैं। Lockdown के दौरान अपने घरों को लौटे मजदूरों के बाबत उन्‍होंने माना कि मुमकिन है कि इनमें से सभी आने वाले दिनों में वापस न आएं। लिहाजा उन लोगों को उनके ही राज्‍य में काम देना या उनके किए गए काम को आगे बढ़ाना भी इस लक्ष्‍य को पाने का एक बड़ा साधन बनेगा।


सूद ने इस बातचीत के दौरान माना कि लोकल प्रोडक्‍ट को आगे लाने के लिए केवल जिम्‍मेदारी प्रोडक्‍ट को बनाने या उसको खरीदने वाले तक ही सीमित नहीं है। इसके लिए सरकार को भी आगे आना होगा और इन छोटे और कुटीर उद्योगों के लिए कुछ लचीले रुख अपनाने होंगे। वह ये भी मानते हैं कि आने वाले समय में काफी कुछ चीजें बदल जाएंगी। लोग बाहर जाकर सामान लेने की अपेक्षा होम डिलीवरी की तरफ ज्‍यादा रुख करेंगे। ऐसे में ये जरूरी होगा कि हम अपने लोकल प्रोडक्‍ट और दूसरे प्रोडक्‍ट्स के लिए एक बड़ा ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म तैयार करें और उसमें अपने लोकल प्रोडक्‍ट्स की ब्रांडिंग की जा सके।


उनका कहना था कि कोई भी प्रोडक्‍ट लोकल से ब्रांड तक का सफर तभी करता है जब उसकी खपत के अलावा उसका विज्ञापन भी बेहतर तरीके से होता है। सरकार इस संबंध में पूरी कोशिश कर रही है और हमें इस कोशिश का हिस्‍सा बननना है। PM मोदी की तरह सूद भी मानते हैं कि इस रोडमैप के सहारे हम 21वीं सदी को भारत की बना सकते हैं। वे भी मानते हैं कि ये संकट की घड़ी भारत के सामने एक बड़ा अवसर लेकर आई है।

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