शनिवार को पेश हुए बजट पर विपक्षी दलों ने निशाना साधना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे बयान जारी करते हुए बजट को निराशाजनक और दिशाहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने अगले पांच साल में 4 करोड़ नौकरियों की बात की है, यह वैसे ही है जैसे 2 करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया गया था।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ठप है, व्यापार चौपट है, एयर इंडिया बिक रही है और एल.आई.सी. को बेचने का निर्णय देशवासियों के लिए एक सदमें जैसा है। एल.आई.सी. बेचने का निर्णय करके भाजपा सरकार ने देश की जनता को यह संदेश दिया है कि वह न तो लोगों की जिंदगी के साथ है और न ही जिंदगी के बाद भी।
श्री दुबे ने कहा कि सही मायने में इस बजट में न तो नौजवान के लिए कुछ है और न ही किसानों के लिए। देश में सबसे बडा मुद्दा बेरोजगारी है लेकिन उसके बारे में बजट में कुछ भी नहीं है। किसानों के उत्थान और आमदनी बढ़ाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 2022 तक आमदनी को दुगुना करने का वादा तो जरूर किया गया है कि लेकिन किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया।
उन्होंने कहा कि इस बजट से लोगों को निराशा ही हाथ लगी है आमजन के लिए कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं की रसोई पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और न ही मंहगाई को नियंत्रित करने की कोई योजना बजट में है। कुल मिलाकर बजट को देखकर ऐसा लगता है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

