PM Modi review condition of coronavirus

प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग पर बढ़ाना होगा फोकस- PM मोदी

कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच PM नरेंद्र मोदी 7 राज्यों में Corona के हालात की वर्चुअल मीटिंग की समीक्षा की। इसमें राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मौजूद रहे।

PM मोदी ने कहा कि भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा।


PM ने कहा कि प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा। प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है।ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं, कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।

पीएम ने कहा कि जो 1-2 दिन के लोकल Lockdown होते हैं, वो Corona को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है?मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते महीनों में Corona इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही है। अब हमें Corona से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।

पीएम ने कहा कि जब तक रोजमर्रा में सावधानी नहीं बरतेंगे, तब तक Corona से जीत नहीं पाएंगे। बीते अनुभवों से समझ में आया है कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच सेवाओँ और सामान की आवाजाही में सामान्य नागरिकों को अनावश्यक परेशान होना पड़ा। ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन राज्यों के बीच तालमेल बहुत जरूरी है। जिससे जीवन की रक्षा की जा सके।

PM मोदी ने कहा कि इन दिनों रोज 10 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। शुरू में हमने जो Lockdown किया उसके बहुत फायदे मिले। दुनिया ने सराहा लेकिन अब हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान देना है। कई बार अफवाहें उड़ने लगती है। लोगों के मन में संदेह होता है कि टेस्टिंग तो खराब नहीं है।

इस मौके पर PM मोदी ने कहा कि देश में 700 से अधिक जिले हैं, लेकिन Corona के जो बड़े आंकड़े हैं वो सिर्फ 60 जिलों में हैं, वो भी 7 राज्यों में। मुख्यमंत्रियों को सुझाव है कि एक 7 दिन का कार्यक्रम बनाएं और प्रतिदिन 1 घंटा दें। वर्चुअल तरीके से हर दिन 1 जिले के 1-2 ब्लॉक के लोगों से सीधे बात करे। संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस Corona काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है। संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है।

देश में Corona से अधिकांश केस और उससे होने वाली मौत इन्हीं सात राज्यों में है। इस सात राज्‍यों में उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब में केंद्रित है। कोरोना के संक्रमण की गति और उससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए इन राज्यों में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने से लेकर अस्पतालों के बेहतर प्रबंधन की जरूरत है।

सात राज्यों में सबसे ज्यादा मामले

प्रधानमंत्री मोदी जिन सात राज्यों में Corona की स्थिति की समीक्षा करेंगे, देश के कुल एक्टिव केस का 63 फीसदी इन्हीं में केंद्रित है। देश में अब तक सामने आए कुल Corona के मामलों का 65.5 फीसद और इससे होने मौतों का 77 फीसद इन्हीं राज्यों में सीमित है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में पिछले एक हफ्ते में औसत प्रतिदिन Corona के नए मामलों में कमी आई है, लेकिन पंजाब और दिल्ली में इसकी संख्या बढ़ रही है। इसी तरह महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली में दो फीसद से भी अधिक मृत्युदर है, जो राष्ट्रीय औसत 1.6 फीसद से बहुत ज्यादा है। इन 7 राज्यों में पंजाब और उत्तरप्रदेश को छोड़कर अन्य में पॉजिटिव रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।

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