धर्म

SC ने रविदास मंदिर पुननिर्माण के लिए सभी याचिकाकर्ताओं को दिया आदेश

दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर फिर से बनाने की मांग को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि हम धरती पर मौजूद हर किसी की भावनाओं का सम्मान करते है। लेकिन उसी जगह फिर से मन्दिर नहीं बनाया जा सकता। मंदिर के लिए कोई बेहतर जगह तलाशे, […]

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मां कात्यायनी की पूजा से होता है शक्ति संचार और शत्रुओं पर मिलती है जीत

मां कात्यायनी की पौराणिक कथा नवरात्रि के छठे दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी देवी दुर्गा का ही छठा रूप है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी। वहीं वामन पुराण के अनुसार सभी देवताओं ने

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नौ दुर्गा का पांचवां स्वरूप ‘देवी स्कंदमाता’

दुर्गा पूजा के पांचवें दिन देवताओं के सेनापति कुमार कार्तिकेय की माता की पूजा होती है। कुमार कार्तिकेय को ग्रंथों में सनत-कुमार, स्कंद कुमार के नाम से पुकारा गया है। माता इस रूप में पूर्णत: ममता लुटाती हुई नजर आती हैं। माता का पांचवां रूप शुभ्र अर्थात श्वेत है। भगवान स्कंद कुमार यानि कार्तिकेय की

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ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली, अंधकार का विनाश करने वाली हैं नवरात्र की चौथी देवी मां कुष्मांडा

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा होती है। मां के इस रूप को लेकर मान्यता है कि इन्होंने ही संसार की रचना की है। इन्हें दुखों को हरने वाली मां कहा जाता है। सूर्य इनका निवास स्थान माना गया है। इसलिए माता के इस स्वरूप के पीछे सूर्य का तेज दर्शाया जाता है।

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नवरात्र के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की पूजा, हर प्रकार के भय से मिलती है मुक्ति

नवरात्र में मातारानी के सभी 9 स्वरूपों का एक खास महत्व है। नवरात्रि के प्रथम दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री अवतार, तो दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता की पूजा की जाती है, बात की जाए तीसरे दिन कि तो इस दिन देवी के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। असुरों का नाश करती

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उपवास में जरूर आजमाएं ये टिप्स, किस दिन कौन से रंग का करें इस्तेमाल

नवरात्रि में माता रानी को प्रसन्न करने के लिए लोग नौ दिन का उपवास रखते हैं। उपवास के नौ दिनों में सिर्फ सात्विक भोजन ही किया जाता है, कुछ लोग सेंधा नमक, सामा, कुट्टू के आने का सेवन करते हैं। उपवास के दौरान भी संतुलित आहार काफी जरूरी होता है। नवरात्र में पूरे नौ दिन

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कठोर तप और ब्रह्मचर्य का प्रतीक हैं नवदुर्गा का दूसरा स्वरूप देवी ‘ब्रह्मचारिणी’

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ‘ब्रह्मचारिणी’ की पूजा की जाती है, ये दुर्गा मां के नौ स्वरूपों में दूसरा रूप हैं। ‘ब्रह्म’ का अर्थ है ‘तपस्या’ और ‘चारिणी’ का अर्थ है ‘आचरण’ करने वाली अर्थात ‘तप का आचरण करने वाली’ मां ब्रह्मचारिणी। यह देवी शांत होकर तप में लीन हैं। मां के मुख पर कठोर

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शारदीय नवरात्र में नौ दिनों के नौ ग्रहों की होती है पूजा, समस्याओं से मिलती है मुक्ति

शारदीय नवरात्र में इस बार देवी दुर्गा का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 29 सितंबर को हुआ है और विदाई दशमी तिथि पर आठ अक्तूबर को होगी। इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे। शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक क्रमश: मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि स्वरूप

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नवरात्र की नौ देवियों में प्रथम हैं मां शैलपुत्री

अनंत शक्तियों से संपन्न हैं नवरात्रि की पहली देवी मां शैलपुत्री का स्वरूप। नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में घटस्थापना की जाती है। प्रतिपदा पर मां शैलपुत्री के स्वरूप का पूजन होता है। शैलपुत्री को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम माना गया है। मान्यता है कि नवरात्र के पहले दिन मां

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राजलक्ष्मी ट्रस्ट निरंतर समाज कल्याण में तत्पर

कसौधन वैश्य समाज द्वारा श्री अरुण कुमार जी ने अपने दिवंगत पिता स्व. राजा राम कश्यप, आजीवन सलाहकार, कसौंधन वैश्य समाज, रांची की स्मृति में दिनांक 28.09.19 दिन शनिवार को कई समाज सेवी कायक्रमों का आयोजन किया गया। कर जिनमें मुख्यत: कुष्ठ रोगियों को इंदिरानगर, जगन्नाथपुर स्थित काली मंदिर, सेंट माइकल स्कूल फॉर ब्लाइंड्स में

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