भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को महाराष्ट्र स्थित बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक, यवतमाल पर कई अंकुश लगाए। इनमें ग्राहकों के लिए 5,000 रुपये की निकासी की सीमा भी शामिल है। केंद्रीय बैंक ने सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति के बिगड़ने के बीच यह कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत प्रतिबंध आठ नवंबर, 2021 को कारोबार बंद होने से छह महीने तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं।
यवतमाल का यह सहकारी बैंक अब रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना कोई भुगतान नहीं कर सकता और ना ही कोई ऋण या अग्रिम दे सकता है। इसके अलावा रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना बैंक कोई भुगतान नहीं कर सकेगा, किसी तरह की व्यवस्था में शामिल नहीं होगा और ना ही अपनी संपत्तियों को बेच या स्थानांतरित कर सकेगा।
बयान में कहा गया है, ”बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए सभी बचत बैंक या चालू खाता या अन्य खाताधारक अपने खातों से 5,000 रुपये से अधिक की राशि नहीं निकाल सकेंगे।”
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को ढांचागत निवेश ट्रस्टों (इनविट) और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्टों (रीट) की तरफ से जारी होने वाली ऋण प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति दे दी है।
आरबीआई ने सोमवार को जारी अपने एक परिपत्र में बताया कि इनविट एवं रीट द्वारा जारी की जाने वाली ऋण प्रतिभूतियों में अब एफपीओ निवेश कर सकेंगे। आरबीआई ने कहा, ”एफपीआई इनविट या रीट की तरफ से जारी होने वाली ऋण प्रतिभूतियों को मध्यम-अवधि प्रारूप (एमटीएफ) या स्वैच्छिक अवरोधन मार्ग (वीआरआर) के तहत ले सकते हैं।”
परिपत्र के मुताबिक, इस तरह के निवेश को एक सीमा में ही किया जा सकेगा और यह ऋण प्रतिभूतियों में एफपीआई के निवेश संबंधी नियमों एवं शर्तों के अधीन ही होगा। इस अनुमति के पहले गत अक्टूबर में विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियम, 2019 में जरूरी बदलाव किए गए थे। वर्ष 2021-22 के बजट में कहा गया था कि इनविट एवं रीट में एफपीआई के निवेश को सक्षम बनाने के लिए नियमों में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।