राम मंदिर का भूमि पूजन आज से अयोध्या में शुरू हो रहा है। इस बीच, पूजन के मुहूर्त को लेकर राजनीतिक बयानबाजी चरम पर पहुँच गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व CM और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मंदिर पूजन के मुहूर्त और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah News) से लेकर मंदिर के पुजारी के कोरोना संक्रमण को इससे जोड़ दिया है। उनके मुताबिक सनातन धर्म और हिंदू परंपराओं के उल्लंघन का नतीजा है यह।
दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए कहा कि मंदिर पूजन के लिए हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी के कारण देश गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राम मंदिर के पुजारी तक कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
कई संतों के अलावा काशी के ज्योतिष भी तय मुहूर्त पर प्रश्न उठा रहे हैं। शंकराचार्य स्वपरूपानंद सरस्वती (Shankracharya Swaroopanand Saraswati) ने भूमि पूजन के तय वक्त को अशुभ बताया था। इससे पहले उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर मंदिर के शिलान्यास की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताया था।
काशी के संतों के साथ ही ज्योतिषी मंदिर शिलान्यास को लेकर तय मुहूर्त पर सवाल खड़े कर रहे हैं। संतों और ज्योतिषियों के अनुसार, मंदिर के शिलान्यास के लिए तय इस तारीख के मुहूर्त से समय को उस दिन का सबसे अशुभ समय बताया जा रहा है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भूमि पूजन के तय वक्त को शुभ नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह, मंदिरारंभ कार्य निषिद्ध है। उन्होंने इसके लिए विष्णु धर्म शास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ का हवाला दिया।