संसद के मानसून सत्र के बीच नए कृषि कानूनों के विरोध में सियासत गरमा गई है। विपक्ष और किसान संगठन इन कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है किसान संगठनों के पास ही इस मसले पर कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष Rahul Gandhi पर किसानों को गुमराह करने और देश में अराजकता का वातावरण बनाने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने सोमवार कांग्रेस पर करारा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि Rahul Gandhi को गांव, गरीब, किसान के बारे में कोई अनुभव और दर्द नहीं है। Rahul Gandhi को सोचना चाहिए कि जब आपने अपने घोषणापत्र में इन्हीं कानूनों (कृषि कानूनों) को लाने के लिए कहा था तो आप उस समय झूठ बोल रहे थे या आज झूठ बोल रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि Rahul Gandhi किसानों को गुमराह करने और देश में अराजकता का वातावरण बनाने की कोशिश ना करें। उनकी इन्हीं आदतों और ऐसी हल्की समझ की वजह से वह कांग्रेस में भी सर्वमान्य नेता नहीं हैं। रही बात किसान यूनियन की तो उसके पास कोई प्रस्ताव नहीं है इसलिए वो चर्चा करने के लिए नहीं आ रहे हैं। भारत सरकार किसान यूनियन के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।
हीं किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन के नए चरण का एलान किया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि आंदोलन आज से शुरू हो चुका है। हम पांच सितंबर को बड़ी पंचायत करेंगे। वहां से बड़ी बैठकों की घोषणा होगी। पहले पूरे प्रदेश में हम 18 बड़ी पंचायतें करेंगे उसके बाद ज़िलों में छोटी बैठकें करेंगे। लखनऊ को भी दिल्ली बनाया जाएगा। जिस तरह दिल्ली में चारों तरफ के रास्ते सील हैं वैसे ही लखनऊ में भी सील होंगे। हम इसकी तैयारी करेंगे…
इससे पहले Rahul Gandhi नए कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन परिसर के गेट तक पहुंचे जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस सचिव प्रणव झा, श्रीनिवास बीवी और कई अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के कुछ अन्य सांसद बैठे थे। Rahul Gandhi ने कहा कि नए कृषि कानून 2-3 बड़े उद्योगपतियों के लिए लाए गए हैं। सरकार को इन कानूनों को वापस लेना पड़ेगा।