विधानसभा चुनावः कहां लापता हो गए Punjab में पहली बार वोट देने वाले 43 फीसदी युवा!

पंजाब (Punjab) में पहली बार पंजीकृत वोट देने वाले युवाओं (First-time registered voters) में से प्रत्येक 10 में से केवल 6 ने ही 20 फरवरी के विधानसभा चुनावों (Assembly elections) में मतदान किया, इस ट्रेंड से उन राजनीतिक दलों के लिए संकट बढ़ गया, जिन्होंने युवाओं को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी और अब 10 मार्च को आने वाले परिणामों से डर रहे है. इस बार कुल 72 फीसदी मतदान हुआ, जो पिछले 15 साल में सबसे कम है. पंजाब में 18-19 वर्ष आयु वर्ग में इस बार कुल 3,48,836 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 1,99,023 या 57 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. 18-19 वर्ष आयु वर्ग में 9.30 लाख की अनुमानित आबादी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले पहली बार मतदाताओं के रूप में केवल 3.48 लाख या 38 प्रतिशत ही दर्ज किए जा सके. 2019 के लोकसभा चुनाव के पंजीकृत युवाओं के मुकाबले यह आंकड़ा 3,94,780 से लगभग 46,000 कम है. जबकि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले पंजीकृत संख्या 3,67,077 से यह आंकड़ा करीब 18,000 से कम है.

कहां हैं ये लापता युवा मतदाता
पहली बार मतदाताओं की अनुमानित संख्या के मुकाबले कम पंजीकरण के बाद पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी एस करुणा ने 21 जनवरी को जब यह डेटा जारी किया गया था, तो उन्होंने कहा था कि जो मतदाता के रूप में नामांकन कराने के बाद अध्ययन के आधार पर विदेश गए हैं, उनका डेटा प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्रालय को लिखा था. इमिग्रेशन कंसल्टेंसी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दो वर्षों 2019 और 2020 में 18-20 वर्ष की आयु के लगभग 2.37 लाख युवा छात्र वीजा पर विभिन्न देशों में चले गए. उन्होंने कहा कि 2021 में एक लाख से अधिक ने छात्र वीजा के लिए आवेदन किया था.

लुधियाना स्थित कैन-एबल इमिग्रेशन कंसल्टेंसी ने बताया कि भारतीय छात्रों के लिए 2019 में लगभग 1.40 लाख अध्ययन परमिट कनाडा द्वारा जारी किए गए थे, और 2020 में 85,700 कोविड -19 महामारी के बावजूद भी जारी किए गए. उन्होंने कहा कि 2021 के अंतिम आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं. आवेदनों के एक बड़े बैकलॉग को देखते हुए यह आंकड़ा बहुत अधिक होने की उम्मीद है. केवल दो वर्षों में 2.25 लाख से अधिक भारतीय छात्रों को केवल कनाडा से अध्ययन परमिट मिला, जिनमें से 1.35 लाख से 1.57 लाख पंजाब के थे.

कंसल्टेंसी अधिकारियों ने कहा कि आवेदनों का एक बड़ा बैकलॉग है, और कनाडा के अधिकारी अभी भी इसे मंजूरी दे रहे हैं. कंसल्टेंसी के निदेशक, खिलनदीप सिंह ने आगे बताया कि यूके जिसने कोविड के चरम पर होने पर भी मानदंडों में ढील दी थी, भारत के 87,000 से अधिक छात्रों को अनुमति दी, जिसमें 2020 में 50,076 और 2019 में 37,000 शामिल थे. इनमें से करीब 61,000 (70 फीसदी) पंजाब के थे. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने 2020 में 23,354 छात्रों को और यूएसए ने 14,971 छात्रों को वीजा दिया. अधिकांश आवेदक पंजाब से थे. कपूरथला स्थित आई-कैन कंसल्टेंसी के गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सितंबर 2020 से सितंबर 2021 तक यूके द्वारा 2019 के पूर्व महामारी वर्ष की तुलना में छात्र वीजा जारी करने में 197 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े
चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक पहली बार मतदान करने वालों में सबसे कम 32 प्रतिशत मतदान मोहाली में हुआ, उसके बाद तरनतारन (38.4 प्रतिशत) का स्थान रहा. गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर और जालंधर में भी कम मतदान हुआ, जिसमें क्रमश: 46.7 प्रतिशत, 47 प्रतिशत, 47.2 प्रतिशत और 47.5 प्रतिशत मतदान हुआ. पठानकोट में 50.7 फीसदी, पटियाला में 50.9 फीसदी, फिरोजपुर में 54.9 फीसदी और लुधियाना में 57 फीसदी मतदान हुआ.

दस जिलों में पहली बार 60 प्रतिशत या उससे अधिक मतदान हुआ है. इनमें मोगा (63 फीसदी), मनसा (63.9 फीसदी), बठिंडा और मलेरकोटला (64 फीसदी), बरनाला (65.4 फीसदी), नवांशहर (66.1 फीसदी), होशियारपुर (66.7 फीसदी), फरीदकोट (67.3 फीसदी) शामिल हैं. जबकि रोपड़ में 68.7 प्रतिशत और संगरूर में 68.9 प्रतिशत मतदान हुआ था. केवल तीन जिलों में पहली बार 70 प्रतिशत या उससे अधिक मतदान दर्ज किया गया. फाजिल्का (70.8 प्रतिशत), मुक्तसर साहिब (71.8 प्रतिशत) और फतेहगढ़ साहिब में 74.6 प्रतिशत मतदान हुआ है.

एक्सपर्ट की क्या है राय
अब सवाल यह है कि पहली बार मतदान करने वाले युवाओं ने केवल 57 फीसदी ही वोट क्यों किया? विशेषज्ञों का कहना है कि 18-19 वर्ष आयु वर्ग के युवा जिन्होंने अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाए उनमें से काफी उच्च अध्ययन के लिए जिले, राज्य या देश से बाहर चले गए. कई मतदाता भी नौकरी की तलाश में बाहर गए हैं. कई जो अभी भी पंजाब में हैं और वोट डालने में अधिक रुचि नहीं रखते हैं, क्योंकि उनकी मुख्य रुचि उच्च अध्ययन और रोजगार के लिए विदेश जाने में है.

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