जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 30 अक्टूबर, 2019 यानी आज दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। जहां मुख्य अथिति के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे। इस दौरान राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित भी किया। उन्होंने दीक्षांत समारोह में मौजूद सभी पदक विजेताओं छात्रों, अभिभावकों अध्यापकों और अन्य विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह की शुभकामना और बधाई दी। बता दें कि यह दीक्षांत समारोह 2017 और 2018 में पास हुए छात्रों के लिए आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना आजादी की लड़ाई के इतिहास से जुड़ी है। यह हमारी साझा विरासत का हिस्सा है। इस विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने जो सपना देखा था वह आज पूरा हो रहा है। स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजने पर यहां के संस्थापकों मोहम्मद अली जौहर, हकीम अजमल खान समेत कई विभूतियों ने इसमें हिस्सा लिया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ मिलकर जामिया की स्थापना की। इस विश्वविद्यालय का मकसद सभी को साथ लेकर चलने व विविधता में एकता स्थापित करने की थी। यह अपने सौवें साल में प्रवेश करने के दौरान भी अपनी छवि को बनाये हुए है जो सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनकर गौरव की अनुभूति हो रही है। जहां पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने 22 साल तक कुलपति के रूप में सेवाएं दी है। बिहार राज भवन और राष्ट्रपति भवन में जाकिर हुसैन हमारे पूर्ववर्ती रहे हैं यह उनके लिए बेहद खुशी का क्षण है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का मकसद इंसान को बेहतर बनाना होता है और जामिया के तराना में इसकी साफ झलक देखने को मिलती है। शिक्षा के क्षेत्र में जामिया दुनिया के कई देशों के साथ साझा कार्यक्रम चला रहा है। जिससे इसकी पहचान वैश्विक हुई है। यहां के जनसंचार के छात्रों ने फिल्म व मीडिया के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया है। साथ ही खेल के क्षेत्र में भी कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इस विश्वविद्यायल ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनायी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘उन्नत भारत अभियान’ के तहत जामिया ने पांच गांवों को गोद लिया है। यह एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि और गांवों को गोद लेने की जरूरत है। ताकि समाज के वंचित व पिछड़े तबकों को मुख्यधारा में लाया जा सके।