HImachal Pradesh

हिमाचल की सीएम रेस से कैसे बाहर हो गईं प्रतिभा सिंह? जानिए ये है वजह…

हिमाचल (Himachal) में चुनाव परिणाम आने के 48 घंटे बाद कांग्रेस (CONGRESS) हाईकमान ने मुख्यमंत्री को लेकर उलझी गुत्थी को सुलझा लिया है। सूबे में कद्दावर नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू नए मुख्यमंत्री होंगे। उनके अलावा प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) भी मुख्यमंत्री पद की इस रेस में शामिल थीं। 30 सालों से अधिक समय से हिमाचल कांग्रेस पर वीरभद्र परिवार का एकक्षत्र राज्य था।

सूबे के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस (CONGRESS) ने उनकी पत्नी प्रतिभा को पार्टी की कमान सौंपी। उनके नेतृत्व में ही पार्टी ने चुनाव भी जीता, लेकिन अंतिम समय में वे मुख्यमंत्री पद से बाहर हो गईं। अब उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। सीएम पद की सबसे मजबूत दावेदार रहीं प्रतिभा आखिर कैसे पीछे रह गईं? आइए जानते हैं।

  1. चुनाव परिणाम आने के बाद बयानबाजी
    हिमाचल में कांग्रेस (CONGRESS) की जीत के बाद प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) सीएम कुर्सी को लेकर लगातार बयान दे रही थीं। वीरभद्र सिंह की विरासत को आगे कर खुद को सबसे बड़ा दावेदार बता रही थीं। जीत का सारा श्रेय भी वीरभद्र सिंह की नीति को दे रही थीं। कांग्रेस (CONGRESS) के पर्यवेक्षक सरकार बनाने के दावे को लेकर जब राज्यपाल से मिलने गए तो उन्होंने उस पर भी सवाल खड़े किए थे। वहीं दूसरी तरफ सुक्खू ने सीएम का फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया। उनको इसका ईनाम सीएम के तौर पर मिला।
  2. सांसद का पद सीएम कुर्सी के लिए जंजाल बना
    प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) वर्तमान में मंडी सीट से सांसद है। कांग्रेस (CONGRESS) अगर उनको मुख्यमंत्री बनाती तो मंडी में उपचुनाव कराना पड़ता। वहीं उनको विधायक बनाने के लिए भी एक सीट खाली करनी पड़ती। यानी 2 उपचुनाव। कांग्रेस (CONGRESS) हाईकमान ने इस स्थिति से बचने के लिए विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया, जिसके बाद प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) रेस से बाहर हो गईं।
  3. मंडी में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब भी पक्ष में नहीं
    प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) वर्तमान में राज्य कांग्रेस (CONGRESS) कमेटी की अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि, प्रतिभा अपने गृह जिले में फेल रही। मंडी जिले की 10 विधानसभा सीट में से 9 पर कांग्रेस की हार हुई है। मंडी में कांग्रेस (CONGRESS) का प्रदर्शन भी प्रतिभा के राह में रोड़ा बना।
  4. परिवारवाद भी आड़े आया, बेटा अभी विधायक
    कांग्रेस (CONGRESS) ने उदयपुर शिविर में एक चुनाव में एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का फॉर्मूला पास किया है। प्रतिभा के बेटे विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण सीट से विधायक बने हैं। ऐसे में प्रतिभा को हाईकमान सीएम बनाती तो पार्टी के भीतर ही परिवारवाद पर सवाल उठने लगता। साथ ही चुनाव में जीतकर आए अधिकांश विधायक भी प्रतिभा के खिलाफ थे।
  5. सुक्खू को मिला राहुल के करीबी होने का फायदा
    सुखविंदर सिंह सुक्खू की गिनती राहुल के करीबी नेताओं में होती है. 2013 में जब राहुल हर राज्य में अपनी टीम बना रहे थे तब उन्होंने सुक्खू को हिमाचल कांग्रेस (CONGRESS) का अध्यक्ष बनाकर भेजा था। हालांकि, उस वक्त के सीएम वीरभद्र सिंह ने इसका जमकर विरोध किया था। सुक्खू 2019 तक हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. 2022 में उन्हें राज्य के कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने बीजेपी (BJP) के गढ़ हमीरपुर में भारी सेंधमारी की। जिले के 5 में से 4 सीटों पर कांग्रेस (CONGRESS) ने जीत दर्ज की।
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