Bihar News: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को 17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद याद आया है कि 10 लाख सरकारी नौकरी दी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप ये नौकरियां दे सकते हैं या दे सकते थे तो अभी कर रुके क्यों थे पहले ही दे देते। नीतीश कुमार बड़े नेता हैं, उन्हें A से लेकर Z तक आता है, दूसरे को ABC भी नहीं आता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर नीतीश 10 लाख नौकरी दे देंगे तो हम अभियान भी वापस ले लेंगे और उनका झंडा लेकर, उन्हें अपना नेता मान लेंगे और फिर से उनका काम करने लगेंगे। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 12 महीने होने दें फिर उनसे (नीतीश) पूछेंगे कि किसको ABC का ज्ञान है और किसको XYZ का ज्ञान है।
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर बोले प्रशांत किशोर
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाल के दिल्ली दौरे पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि इसमें नया क्या है, हम कैसे मान लें कि विपक्ष कुछ नया कर रहा है? उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह 2024 के चुनावों से संबंधित कोई बड़ा बदलाव लाएगा। बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम केवल राज्य के लिए विशिष्ट हैं। मुझे नहीं लगता कि यह राष्ट्रीय राजनीति को किसी भी तरह प्रभावित करेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर कोई नेता दिल्ली में लोगों से मिल रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर उसका कद बढ़ रहा है। यहां तक कि ममता बनर्जी और केसीआर ने भी दिल्ली में कई लोगों से मुलाकात की।
“राष्ट्रव्यापी प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं”
चुनाव रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने सोमवार को कुछ ऐसा ही कहा था। किशोर ने जोर देकर कहा कि बिहार में हालिया उथल-पुथल “राज्य केंद्रित” घटना थी और इससे राष्ट्रव्यापी प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने हाल ही में जद(यू) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सरकार बनाने के घटनाक्रम की ओर इशारा करते हुए यह बात कही। प्रशांत किशोर ने यह दावा भी किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नया बागी रुख “राजनीतिक अस्थिरता” का प्रतीक है, जिसका सामना बिहार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “नयी भाजपा” के उदय के बाद से कर रहा है। किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा, “हम केवल एक बात निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कुछ भी हो, नीतीश कुमार सत्ता पर काबिज रहेंगे जैसे कि वह इतने वर्षों से करते आ रहे हैं।”
प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा ’17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद आपको याद आया कि 10 लाख सरकारी नौकरी दी जा सकती है. अगर आप किसी को दे सकते हैं या दे सकते थे, तो अभी तक रुके हुए क्यों थे? पहले ही दे देना चाहिए था. लेकिन चलिए नीतीश कुमार इतने बड़े नेता हैं कि उनको ए से लेकर जेड तक पता है. दूसरे को तो एबीसी भी नहीं आता है. तो उन्होंने कहा है कि 10 लाख नौकरी दे देंगे, तो हमने भी कहा है कि साहब आप 10 लाख नौकरी दे दीजिए, आप ठीक कह रहे हैं. तो हमलोग जैसों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है?’
प्रशांत किशोर ने कहा कि 10 लाख नौकरी दे दीजिए, अभियान को वापस ले लेंगे. फिर उन्होंने कहा कि अभियान ही वापस नहीं ले लेंगे बल्कि उनके पीछे खड़े होकर जैसे उनका काम कर रहे थे, वैसे फिर से उनका काम करने लगेंगे. फिर से उनका झंडा लेकर घूमेंगे.
प्रशांत कुमार ने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि 10 लाख लोगों को नौकरी देकर दिखलाइए साल भर में. उस बारह महीना में एक महीना निकल गया, दूसरा महीना चालू है. बारह महीना होने दीजिए, उसके बाद उनसे पूछेंगे कि किसको एबीसी का ज्ञान है और किसको एक्सवाईजेड का ज्ञान है.
पीके ने फिर कहा कि 10 लाख लोगों को आप नौकरी देकर दिखला दीजिए, हम आपकी बात मान लेंगे. आपको नेता मान लेंगे. यह मान लेंगे कि आप सर्वज्ञानी, सर्वव्यापी आप ही व्यक्ति हैं, भगवान के ऊपर हैं.