उत्तर प्रदेश में अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत अभी से गरमाने लगी है. कानपुर में समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से ‘अब यूपी में खेला होई’ का पोस्टर लगने के बाद वाराणसी में भी सपा के पूर्व विधायक ने अपने घर की दीवाल पर भोजपुरी में स्लोगन लिखवाया है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने कहा है कि सपा ने बंगाल मॉडल को अपनाया है. मौका मिला, तो बड़े खेल में भाग लेंगे.
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव में चर्चित स्लोगन ‘खेला होबे’ का भोजपुरिया संस्करण उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है. कानपुर में ‘अब यूपी में खेला होई’ का पोस्टर समाजवादी पार्टी की ओर से लगायी गयी है. यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के कानपुर महानगर की ओर से कई जगहों पर लगायी गयी है.
समाजवादी पार्टी की ओर से कानपुर में पोस्टर लगाये जाने के बाद वाराणसी में भी दीवाल लेखन के रूप में भोजपुरिया संस्करण में स्लोगन देखने को मिला है. समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने वाराणसी स्थित अपने घर के बाहर दीवाल पर लिखवाया है ”2022 में खेला होई”.
पश्चिम बंगाल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में ‘अब यूपी में खेला होई’ का पोस्टर लगने पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने शुक्रवार को कहा कि ”यह एक बहुत ही स्वागत योग्य विकास है. बंगाल मॉडल को सपा ने यूपी की राजनीति में शामिल किया है. यदि हमें कोई भूमिका निभानी है, तो हमारा नेतृत्व एसपी के साथ चर्चा करेगा और यदि कोई मौका है, तो हम बड़े खेल में भाग लेंगे.
साथ ही सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा है कि ”हमारी सांसद मिमी चक्रवर्ती के प्रयासों से अब तक कोलकाता में नकली वैक्सीन कैंप का पता चला है. उन्होंने ऐसा करनेवाले फर्जी अधिकारियों को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभायी थी. तो, श्रेय टीएमसी सांसद को जाना चाहिए, इसके बजाय कि भाजपा हमारे खिलाफ अफवाह फैला रही है.”