देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत थिअटर कमांड बनाने के लिए पश्चिमी देशों की नकल करने के बजाय अपनी तरह से प्रक्रिया बनाएगा। रावत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब तीनों सेनाएं आधुनिकीकरण के लिए धन की कमी से जूझ रही हैं और पाकिस्तान तथा चीन के खतरे को देखते हुए तत्काल जल, थल और नभ तीनों सेनाओं को एकीकृत करने की जरूरत है।
पदभार संभालने के बाद जनरल रावत ने कहा, ‘थिअटर कमांड बनाने के लिए कई तरीके हैं। हमें पश्चिमी या अन्य देशों के मॉडल को कॉपी नहीं करना होगा। हमारी अपनी प्रणाली हो सकती है। हम मिलकर पूरी प्रक्रिया को बनाएंगे…मैं समझता हूं कि यह काम करेगी।’ CDS ने भले ही अभी थिअटर कमांड के बारे में विस्तृत ब्योरा नहीं दिया हो लेकिन सूत्रों के मुताबिक सरकार की तरफ से उन्हें अगले 4 से 5 साल के अंदर पहले थिअटर कमांड को बनाने के लिए पहल करने, सिद्धांत बनाने और पूरे रोडमैप को तैयार करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है।
भारत ने संयुक्त सैन्य कमांड की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं जहां आर्मी, नेवी और एयर फोर्स की पूरी सैन्य शक्ति का ऑपरेशनल कंट्रोल एक अकेले 3 स्टार सैन्य जनरल के पास होगा। सरकार ने इस संबंध में जॉइंट कमांड से संबंधित नियमों और कंट्रोल रूल्स में बदलाव किया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने सेना के संयुक्त कमांड को संचालित करने के लिए किसी भी एक सेवा (आर्मी, नेवी या एयर फोर्स) के एक अधिकारी को सीधे कमांड देने का अधिकार देने के लिए वैधानिक नियम और ऑर्डर को नोटिफाई किया है।
थिअटर कमांड बनाने का वायुसेना कड़ा विरोध कर रही है। एयरफोर्स का कहना है कि संचालन के लिहाज से यह अव्यवहारिक होगा कि देश के ‘सीमित हवाई ताकत’ को विभिन्न थिअटर कमांड के अंतर्गत बांट दिया जाए। एयरफोर्स के केवल 30 फाइटर स्क्वाड्रन है जबकि चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चो पर निपटने के लिए भारत को 42 फाइटर स्क्वाड्रन की जरूरत है।
एयरफोर्स के एक अधिकारी ने कहा, ‘पूरे देश को एक थिअटर के रूप में देखा जाना चाहिए। हमने गगन शक्ति और अन्य युद्धाभ्यास के दौरान यह दिखाया है कि एयरफोर्स अगर जरूरत पड़ी तो अपने जंगी साजोसामान को बहुत तेजी से पूर्वी मोर्चे से पश्चिमी और पश्चिमी मोर्चे से पूर्वी मोर्चे पर भेज सकती है।’ एयरफोर्स के विरोध के बाद भी एक मजबूत राय बन रही है कि भारत भी थिअटर कमांड की ओर आगे बढ़े ताकि संसाधनों को बचाया जा सके और भविष्य में होने वाले किसी युद्ध के लिए खुद को तैयार किया जा सके।
उधर, अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर रावत ने कहा कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के बीच समन्वय स्थापित करना है। ये तीनों ही फोर्स टीम वर्क के तहत काम करेंगी और उस पर नजर रखने का काम CDS करेगा। उन्होंने कहा कि हमें तीनों सेनाओं के जोड़ को तीन नहीं बनाना है बल्कि 5 या 7 करना है। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस सेनाओं के संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल, साझा सैन्य अभ्यास पर रहेगा।