पाकिस्तान में विपक्षी दलों की 13 दिसंबर को लाहौर रैली Imran सरकार की मुसीबत और विपक्षी दलों के लिए आर-पार की लड़ाई बन गई है। पुलिस ने विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने फिर दोहराया है कि रैली पर Terrorist Attacks हो सकता है। इधर पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो ने कहा है कि लाहौर रैली में ताकत दिखाए जाने के बाद कठपुतली प्रधानमंत्री Imran Khan अकेले रह जाएंगे।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि Pakistan में 11 दलों के विपक्षी संगठन Pakistan डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की 5 रैली होने के बाद लाहौर की छठी रैली सरकार के ताबूत में आखिरी कील होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता की भावनाओं के सामने ज्यादा समय तक गलत तरीकों से खड़ा नहीं हुआ जा सकता। लाहौर रैली से सरकार के विरोध में चल रहा हमारा अभियान का पहले चरण में समाप्त हो जाएगा। अभियान का दूसरा दौर शुरू होते ही सरकार का बोरिया विस्तार बंध जाएगा।
इधर Pakistan के आतंकरोधी प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने आगाह किया है कि तहरीक-ए-तालिबान Pakistan (टीटीपी) लाहौर रैली के दौरान हमले कर सकता है। इस संबंध में कहा गया है कि यह नहीं कहा जा सकता कि निश्चित रूप से कहां हमले किए जा सकते हैं।
सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। पीएमएल-एन की सांसद अजमा बुखारी ने कहा है कि उनकी अनुपस्थिति में पुलिस घर में घुस आई और यहां पर कर्मचारियों के साथ अभद्रता की।