रात के करीब 3 बज रहे थे। विशाखापट्टनम के नायडू थोटा इलाके में लोग गहरी नींद के आगोश में थे। अचानक कुछ लोगों का दम घुटने लगता है। सांस लेने में बड़ी तकलीफ होती है। ऐसा लगता है अब जान निकल जाएगी। पहले तो लगा कि कहीं Coronavirus हवा में तो नहीं फैल गया। लोग दहशत में आ गए। जो छतों पर थे, वो घरों में घुस गए। दरवाजे-खिड़कियां बंद कर लिए। जब घुटन कम नहीं हुई तो लोग बदहवास होकर सड़क पर आ गए। खौफ का माहौल ऐसा था कि लोगों को अंधेरे में जिस तरफ जाने को दिखा, वो उधर भाग पड़े। 3 किलोमीटर के इलाके में ऐसी ही बदहवासी का आलम था।
दम घुटने से लोग दहशत में थे। कुछ समझ नहीं आ रहा था भागकर किधर जाएं। अंधेरे में कुछ लोग नाले में जा गिरे। कुछ बेहोश होकर सड़कों पर गिर पड़े। कुछ की सांस इतनी फूल रही थी कि मौत आंखों के आगे नाचने लगी। पुलिस को भनक लगी तो फोर्स मौके पर पहुंची। कुछ ही देर में पता चला कि पास की एक केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक हुई है।
गैस लीक की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि शुरुआती रिपोर्ट्स में 8 लोगों के मरने की खबर आ रही है। 5,000 से ज्यादा लोग इस गैस लीक की वजह से बीमार हो गए हैं। फैक्ट्री के 3 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों के लोग इसके शिकार हुए। कुछ ने शिकायत की उनके शरीर पर रैशेज पड़ गए हैं और आंखें जल रही हैं।
गैस लीक की जानकारी मिलते ही पुलिस ने लोगों को इलाके से बाहर निकालना शुरू कर दिया। नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (NDRF) और स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (SDRF) की टीमें भी यहां तैनात की गई हैं। पुलिस अब लोगों से घरों से बाहर आकर सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील कर रही है।
गैस लीक की घटना को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्रालय और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के अधिकारियों से बात की है। उन्होंने एक ट्वीट में बताया कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है। PM मोदी ने गैस लीक की घटना को देखते हुए NDMA की एक मीटिंग भी बुलाई है। PM ने सबकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना भी की। गृह मंत्री अमित शाह ने भी जानकारी दी कि उन्होंने NDMA अधिकारियों से बात की है।
हिंदुस्तान पॉलिमर कंपनी की स्थापना 1961 में हुई। 1997 में कंपनी को साउथ कोरिया के एलजी केमिकल ने टेकओवर कर लिया था और इसे LG Polymers नाम दिया था। प्लांट में प्लास्टिक बनाने का काम होता है।