रामपथ पर मोदी, रामलला को घर-घर पहुंचाएगी बीजेपी, 100 दिन का प्लान तैयार

राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद बीजेपी विशेष दर्शन का अभियान चलाएगी, जो 100 दिनों तक चलेगा. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले तक बीजेपी भागवान श्रीराम का दर्शन कराकर घर-घर रामलला को पहुंचाने का प्लान बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्य तैयारियां की जा रही हैं.

देश की सत्ता में हैट्रिक लगाकर बीजेपी इतिहास रचने की कवायद में है. पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी दोबारा से सत्ता पर काबिज है और अब तीसरी बार जीत का परचम फहराने की कोशिश में है. बीजेपी गांव-गांव में रामोत्सव का आयोजन करके ‘राममय माहौल’ बनाने की प्लानिंग की है. 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी शिरकत करेंगे, लेकिन उससे पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद बीजेपी विशेष दर्शन अभियान चलाएगी, जो 100 दिनों तक चलेगा. लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले तक बीजेपी भगवान श्रीराम का दर्शन कराकर घर-घर रामलला को पहुंचाने का प्लान बनाया है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी बीजेपी राम मंदिर के जरिए पूरे देश में अपनी सियासी धमक बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. 22 जनवरी के बाद देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों से तीन से पांच हजार लोगों को अयोध्या में रामलला के दर्शन कराने की तैयारी है. विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में रामलला के दर्शन के इच्छुक लोगों की सूची बनाने की जिम्मेदारी सांसदों और विधायकों को सौंप गई है.

रामलला के दर्शन कराने का अभियान 24 जनवरी से शुरू होकर तीन महीने तक चलेगा. देशभर से अयोध्या के लिए बड़ी संख्या में विशेष ट्रेन चलाई जाएंगी.

पूरे देश में राममय माहौल बनाने की योजना

बीजेपी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का एजेंडा सेट करके सियासी लाभ उठा चुकी है. इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में सीएम योगी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक ने अलग-अलग राज्यों में लोगों को रामलला के दर्शन का न्यौता देते नजर आए थे. श्रीराम जन्मभूमि पर जनवरी में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सभी गांवों में रामोत्सव के आयोजन से माहौल को राममय बनाने की योजना है. बीजेपी इस मुहिम में जुट गई है और मौजूदा समय में भगवान रामलला का प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्य तैयारियां की जा रही हैं.

10 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य

राम मंदिर उद्घाटन समारोह से जुड़े कार्यक्रमों को बीजेपी बड़ा बनाने का लक्ष्य तय किया गया. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले ही एक जनवरी से बीजेपी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर अक्षत बांटने, मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करवाने, मंदिरों में दीप जलाने जैसे कार्यक्रम से जुड़ेंगे. बीजेपी ने करीब 10 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. शनिवार को बीजेपी की बैठक में राम मंदिर पर सभी पदाधिकारियों को ब्रीफ किया गया और आरएसएस और वीएचपी द्वारा राम मंदिर के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों में पूरी ताकत लगने के निर्देश दिए गए. खासकर अक्षत बांटने, मंदिरों के प्रांगणों में दीपोत्सव और भजन कीर्तन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना पर ज्यादा जोर देने का निर्देश दिया गया.

देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों से तीन से पांच हजार लोगों को अयोध्या ले जाने की तैयारी है. इन लोगों को अलग- अलग तिथियां पर अयोध्या लाया जाएगा. पार्टी की ओर से तीन महीने के भीतर करीब एक करोड़ लोगों को अयोध्या में दर्शन-पूजन कराने का लक्ष्य रखा गया है. पीएम मोदी भाजपा के पदाधिकारियों को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम पर बड़ा अभियान चलाने का मंत्र दे सकते हैं. यह आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा हो सकता है और पार्टी की जीत की संभावनाओं को मजबूत कर सकता है.

2024 का एजेंडा सेट करने में जुट गई बीजेपी

राम मंदिर पर पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि राम मंदिर को लेकर ही बीजेपी 2024 का एजेंडा सेट करने में जुट गई है, क्योंकि उसे राजनीतिक फायदा मिलने की उम्मीद दिख रही है. इसके लिए संघ से जुड़े नेता बकायदा अभियान चला रही है और गांव-गांव माहौल बना रहे हैं. इसके लिए ही लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने की रूपरेखा बीजेपी ने बनाई है ताकि अयोध्या में रामल का दर्शन कर लौटने वाले लोग जब अपने-अपने क्षेत्रों और गांव में राम मंदिर की भव्यता के बारे में लोगों को जानकारी देंगे तो इससे पार्टी को बड़ा चुनावी फायदा मिलने की उम्मीद दिख रही है. बीजेपी राम मंदिर का मुद्दा काफी अहम है, क्योंकि इससे हिंदुत्व का एजेंडा सेट करना सबसे मुफीद दिख रही है. राम मंदिर मुद्दे की काट विपक्ष के पास भी नहीं है, इसीलिए कई विपक्षी दल के नेता भी अब कहने लगे हैं कि राम मंदिर उद्घाटन में बुलाया जाता है तो वो जरूर जाएंगे.

सियासी समीकरण साधने की कोशिश

माना जा रहा है कि बीजेपी राम मंदिर के बहाने अपना सियासी समीकरण साधने की कोशिश में जुटी हुई है. आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता जातिगत जनगणना-ओबीसी समुदाय को हिस्सेदारी को मुद्दा बना रहे हैं. विपक्ष के इन मुद्दों की काट खोजने के लिए भी बीजेपी नेता राम मंदिर को घर-घर पहुंचाने का प्लान बनाया है. राम मंदिर को लेकर बीजेपी ने जो प्रयास किए हैं, उनकी जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश दिया गया. आरएसएस और वीएचपी जो भी आयोजन कर रही हैं उनमें पूरी तरह सहभागिता करनी है.

साथ ही बीजेपी सरकार ने भव्य राम मंदिर के लिए जो जो कदम उठाए हैं, उसपर अपने अपने क्षेत्रों में बुक लेट बना कर बांटने के निर्देश भी दिए गए. इसके अलावा आज की विपक्षी पार्टियों द्वारा जो राम मंदिर निर्माण को रोकने के लिए जो-जो प्रयास किए गए उसके बारे में भी जनता को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है. इस तरह बीजेपी हिंदुत्व के एजेंडे और राम मंदिर के बहाने 2024 के लोकसभा चुनाव में सियासी बिसात बिछाने में जुटी है. देखना है कि बीजेपी किस तरह से राम मंदिर को घर-घर पहुंचने में सफल रहती है.

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