Sarva Pitru Amavasya 2022, Pitru Paksha Shraddh: पंचांग के अनुसार आज 20 सितंबर को पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की दशमी तिथि की श्राद्ध है। पितु पक्ष (Pitru Paksha) की अंतिम श्राद्ध 25 सितंबर को होगी। इस दिन आश्विन मास की अमावस्या होगी। इसे महालया अमावस्या या सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। पितृ पक्ष (Pitru Paksha) का यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
इस दिन पितरों की विदाई की जाती है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन वे सभी परिजन अपने पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध करते हैं जो उनकी मृत्यु तिथि भूल गए हों या फिर तिथि विशेष पर श्राद्ध न कर पायें हों। ऐसे परिजन अपने पितरों की श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या के दिन कर सकते हैं मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध करने से पुण्य लाभ कई गुना बढ़ जाता है।
सर्वपितृ अमवस्या की तिथि एवं समय (Sarva Pitru Amavasya 2022 Date and Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की अमावस्या यानी सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022 को दोपहर बाद 3 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रही है और 26 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सर्वपितृ अमवस्या 25 सितंबर को पूरे दिन मनाई जाएगी। परिजन पूरे दिन पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध सकते हैं।
ऐसे करें सर्वपितृ अमवस्या की श्राद्ध (Sarva Pitru Amavasya Shradh Vidhi)
सर्वपितृ अमावस्या की श्राद्ध (Amavasya Shradh) में खीर-पूड़ी जरूर रखना चाहिए। इस दिन तर्पण, पिंडदान करके पंचबली का भोजन निकालें। उसके बाद दोपहर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें यथा शक्ति दान- दक्षिणा देकर श्रद्धा और निष्ठा से उन्हें विदा करें। इसके बाद ही घर के लोग भोजन करें।
सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये उपाय ( Sarva Pitru Amavasya Upay)
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पात्र में जल, दूध, काला तिल, शहद और जौ मिलाकर पीपल के पेड़ पर अर्पित करें. उसके बाद सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और जनेऊ अर्पित करें। ऐसा करने से पितर अति प्रसन्न होते हैं. अब “ॐ सर्वपितृ देवताभ्यो नमः” मंत्र का जाप करते हुए पीपल की परिक्रमा करें।