मोदी सरकार को विपक्षी पार्टियों से डर, माफी मांगने का सवाल नहीं : मल्लिकार्जुन खड़गे

संसद के कामकाज की बात करें तो आज स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020 (The Assisted Reproductive Technology (Regulation) Bill, 2020) पेश कर सकते हैं. संसद में पारित हो जाने एवं इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद केन्‍द्र सरकार इस अधिनियम पर अमल की तिथि को अधिसूचित करेगी. इसके बाद राष्‍ट्रीय बोर्ड का गठन किया जाएगा.

वहीं राज्यसभा में जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 (The Dam Safety Bill, 2019) पेश कर सकते हैं. इस विधेयक के जरिए राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एकरूप बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे बांधों की सुरक्षा सुनिश्‍चित होगी और इन बांधों से होने वाले लाभ सुरक्षित रहेंगे. इससे मानव जीवन, पशु और संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी.

वहीं पीटीआई भाषा के मुताबिक फेसबुक पर नफरती भाषण के मुद्दे को देख रही संसदीय समिति के कुछ सदस्यों ने सोमवार को विचार व्यक्त किया कि व्हिसल-ब्लोअर सोफी झांग और फ्रांसेस हौगेन, जिन्होंने पूर्वाग्रह और सोशल मीडिया मंच पर उचित नियमन की कमी को उजागर किया है, को पहले पेश होने के लिए बुलाया जाए. फेसबुक इंडिया के जन नीति निदेशक शिवनाथ ठुकराल सहित शीर्ष अधिकारी सोमवार को ‘नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित सामाजिक/ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग की रोकथाम’ विषय पर समिति के सामने पेश हुए.

सू्त्रों ने बताया कि बैठक में, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने झांग द्वारा समिति के साथ साझा किए गए ‘डोजियर’ के संदर्भ में नफरती भाषण के बारे में सवाल पूछा. उन्होंने बताया कि सांसदों को सोशल मीडिया कंपनी के अधिकारियों से ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने कहा कि सदस्यों ने अपने विभिन्न मंचों से नफरती भाषण से संबंधित सामग्री को पहचानने और हटाने के लिए कंपनी के तंत्र और प्रणाली के बारे में विशिष्ट प्रश्न पूछे. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान, कई सदस्यों ने विचार व्यक्त किया कि ‘व्हिसलब्लोवर’ को उनके निष्कर्षों के बारे में जानकारी देने के लिए समिति के सामने बुलाया जाए.

दरअसल तीनों कृषि कानून की वापसी बिल पर विपक्ष की मांग थी कि सरकार वापस लेने से पहले चर्चा कराए. हालांकि सदन की कार्यवाही के पहले दिन यह नहीं हो सका, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा. वहीं राज्यसभा में 12 सांसदों को निलंबित किए जाने का मुद्दा भी जोर शोर से उठ सकता है. ऐसे में दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो सकता है.

विपक्ष के जिन 12 सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रुपिन बोरा, सैयद नासिर हुसैन, राजमणि पटेल, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, शांता क्षेत्री, माकपा के इलावरम करीम, भाकपा के विनय विश्वम, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं.

तीनों कृषि कानून की वापसी बिल पर विपक्ष की मांग थी कि सरकार वापस लेने से पहले चर्चा कराए. हालांकि सदन की कार्यवाही के पहले दिन यह नहीं हो सका, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा. वहीं राज्यसभा में 12 सांसदों को निलंबित किए जाने का मुद्दा भी जोर शोर से उठ सकता है. ऐसे में दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो सकता है. संसद के कामकाज की बात करें तो आज स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020 (The Assisted Reproductive Technology (Regulation) Bill, 2020) पेश कर सकते हैं. वहीं राज्यसभा में जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 (The Dam Safety Bill, 2019) पेश कर सकते हैं.

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