पंचायत चुनावों में आरक्षण एक बड़ा मुद्दा रहता है। इसीलिए चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही इस बात की खोज खबर ली जाने लगी है कि Reservation की लिस्ट कब आ रही है। चर्चा तो इतनी तेज है कि लोग Lucknow के चक्कर लगाने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि Reservation के बाद ही चुनाव लड़ने या लड़ाने का हिसाब-किताब तय होगा, लेकिन आपको बता दें कि Reservation लिस्ट जारी होने में अभी समय लगेगा। लिस्ट के जारी होते-होते आधी फरवरी बीत जायेगी।
पुनर्गठन का काम पूरा, परिसीमन जारी
ऐसी उम्मीद है कि मार्च में Panchayat के चुनाव हो जायेंगे। वैसे हो तो इसे दिसम्बर में ही जाना चाहिए था, लेकिन कुछ तो Corona और कुछ नये क्षेत्रों के शामिल होने के चलते इसमें विलम्ब हुआ है। चुनावों को लेकर अभी तक की प्रगति ये है कि पंचायती राज निदेशालय परिसीमन में बिजी है। पुनर्गठन का काम तो हो गया है, लेकिन परिसीमन अभी हो रहे हैं। इसके होते होते शायद जनवरी बीत जाये। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि उनकी तरफ से तैयारी पूरी है। वोटर लिस्ट का काम जारी है। जैसे ही शासन से उन्हें परिसीमन के बाद क्षेत्रों की लिस्ट मिल जायेगी वैसे ही वोटर लिस्ट का प्रकाशन कर दिया जायेगा। वैसे 22 जनवरी वोटर लिस्ट के प्रकाशन की डेट फिलहाल तय की गयी है।
15 फरवरी तक जारी हो सकती है आरक्षण की सूची
जहां तक Reservation की बात है, ये सबसे आखिरी प्रक्रिया है। क्षेत्रों की सीमा तय हो जाने के बाद ही Reservation की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। ऐसा होते-होते आधी फरवरी निकल जायेगी। पंचायती राज निदेशालय में उप निदेशक स्तर के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि 15 फरवरी तक शायद Reservation की लिस्ट तैयार कर ली जायेगी। इधर Reservation तय होगा और दूसरी तरफ वोटर लिस्ट तैयार मिलेगी। इन दोनों ही कामों के बाद चुनाव कराने के लिए ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
ऐसे और इतनी सीटें होती हैं आरक्षित
बता दें कि वैसे तो हर चुनाव में Reservation नये सिरे से तय किये जाने चाहिए, लेकिन ऐसा हर बार हो नहीं पाता है। वर्षों से जो सीट रिजर्व है वो अभी भी रिजर्व चल रही है। सामान्य सीटों की भी यही स्थिति है। कुल सीटों में से महिलाओं के लिए इतनी सीटें आरक्षित होनी चाहिए जो एक तिहाई से कम न हों। इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग की इतनी सीटें आरक्षित होना चाहिए जिससे वे 27 % से अधिक न हों।
बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था के तहत यूपी में जिला पंचायत की 75, क्षेत्र पंचायत की 821 और ग्राम पंचायत की 59074 सीटें हैं। जिला Panchayat की सीटों को छोड़ दें तो परिसीमन और पुनर्गठन फाइनल होने के बाद बाकी की संख्या में बदलाव आ सकता है।