बिहार में पंचायत चुनाव के ऐलान से पहले राज्य में मुखिया और सरपंच को बड़ा झटका लगा है। राज्य आयोग ने मतदान केंद्रों की सूची बनाने को लेकर अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) का होगा। मतदान केंद्रों का फाइनल लिस्ट आयोग के सहमति से ही प्रकाशित किया जा सकता है। अधिसूचना में कहा गया है कि मुखिया (Mukhiya) के घर से 100 मीटर की दूरी पर मतदान केंद्र नहीं होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग (Election Commission) की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक बिहार में अप्रैल और मई में पंचायत चुनाव (Panchayat election) हो सकता है। चुनाव से पहले सभी जिले में अधिकृत अधिकारियों को मतदान केंद्र का जायजा लेना है। अधिकारी मतदान केंद्र की लिस्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपेंगे, जिसे आयोग की सहमति से प्रकाशित किया जा सकता है।
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि वर्तमान मुखिया (Mukhiya) के घर से 100 मीटर की दूरी पर केंद्र नहीं बनाया जा सकता है। ऐसा होने पर अधिकृत अधिकारी जिम्मेदार होंगे। बिहार में होली के बाद कभी भी पंचायत इलेक्शन का ऐलान किया जा सकता है।
वहीं बिहार निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद सूबे की सभी 8387 ग्राम पंचायतों में मतदाता सूची के ड्राफ्ट का प्रकाशन मंगलवार को कर दिया जायेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन को लेकर बातचीत की। साथ ही जिन जिलों में मतदाता सूची के प्रकाशन में किसी तरह की परेशानी थी, तो उसे दूर करा दिया है।