पाकिस्तान (Pakistan) में बाढ़ के कारण हाहाकार मचा हुआ है. स्वात और सिंधु नदी के विकराल रूप के कारण करीब आधा देश डूब गया है. इस बाढ़ से 3 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं तो 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार ने इस बिगड़ते हालात को देखते हुए नेशनल इमरजेंसी (National Emergency) घोषित कर दी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद स्थित राजदूतों, उच्चायुक्तों और अन्य चुनिंदा राजनयिकों के साथ शुक्रवार को एक बैठक की और उन्हें देश में बाढ़ की भयावह स्थिति की जानकारी दी.
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में स्थिति सबसे खराब है. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट (National Disaster Management) अथॉरिटी के मुताबिक, पाकिस्तान में 14 जून के बाद से सबसे ज्यादा मौत सिंध प्रांत में हुई है. देश का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ की चपेट में है. कराची से लेकर पंजाब, बलूचिस्तान में हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं. पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान के अनुसार इस साल देश में मानसून के आठ दौर हो चुके हैं, जबकि हर साल यह औसतन 3 बार ही आता रहा है. यहां अभी भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है. देश के कई हिस्सों में बस और ट्रेन निलंबित कर दी गई हैं.
सेना जुटी राहत और बचाव कार्य में
गृह मंत्री सना उल्ला ने बताया है कि बाढ़ से बने हालातों में जान-माल की सुरक्षा के लिए सेना को तैनात किया गया है. देश में आपातकाल है और सुरक्षा बल राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं. एक दशक के बाद बाढ़ का ऐसा कहर देखने को मिला है. देश में 7 लाख मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं तो करीब 57 लाख लोग बेघर हो गए हैं.