पाकिस्तान के नामचीन पत्रकार Hamid Meer को पाकिस्तानी सेना पर टिप्पणी करने के लिए माफी मांगनी ही पड़ गई। मीर ने माफी मांगते हुए कहा है कि उनका इरादा सेना की छवि को धूमिल करने का नहीं था।
इस्लामाबाद में पत्रकार और यू-ट्यूबर असद अली तूर को तीन अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार देने की घटना के बाद एक प्रदर्शन के दौरान पत्रकार Hamid Meer ने देश की शक्तिशाली सेना के खिलाफ आवाज उठाई थी। मीर ने इस हमले की जवाबदेही तय करने की मांग की थी। मीर ने ऐसे Journalist की लगातार हो रही हत्या के खिलाफ आवाज उठाई थी जो देश की सेना के खिलाफ बोलते या लिखते थे।
हामिद मीर के भाषण के बाद 30 मई को उन्हें उनके शो से आफ-एयर कर दिया गया था। इसके बाद 4 जून को Journalist की एक कमेटी का गठन किया गया जो Hamid Meer के भाषण से पैदा हुए भ्रम को दूर कर सके।
इसके बाद अब Hamid Meer ने अपनी बातों के लिए माफी मांगी है। कमेटी के साथ आए मीर ने कहा कि उनका इरादा सेना को बदनाम करने का नहीं था, वो दिल से सेना का सम्मान करते हैं। Hamid Meer ने कहा, ‘मेरे भाषण का उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था लेकिन अगर फिर भी किसी भी भावना को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्दों के लिए माफी मांगता हूं।’
इससे पहले हामिद ने कहा था कि वो तब ही माफी मांगेंगे जब तूर के हत्यारों को गिरफ्तार कर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने अन्य साथी Journalist के आग्रह को मान लिया ताकि तनाव को कम किया जा सके। Hamid Meer ने साफ किया है कि Journalist की जो कमेटी बनाई गई थी उनके पास उन्होंने अपनी बात रख दी है। उन्होंने कहा कि उनका सेना से कोई मतभेद नहीं हैं और न ही उन्होंने भाषण के दौरान किसी व्यक्ति का नाम लिया था।