पाकिस्तान में सरकार और विरोधी पार्टियों के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई है। मुकदमा दर्ज करने की धमकी के बावजूद पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट रविवार को लाहौर के मीनार-ए-Pakistan में रैली करने पर अड़ा है। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान Imran सरकार के खिलाफ ‘निर्णायक संघर्ष’ का एलान किया जा सकता है।
बता दें कि 11 विपक्षी पार्टियों के गठबंधन PDM की रैली से पहले संघीय सरकार ने सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री Imran Khan ने सरकार विरोधी रैलियों की अनुमति देने की संभावना से इन्कार करते हुए चेतावनी दी थी कि आयोजकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
एक साक्षात्कार में Imran Khan ने कहा था कि कुर्सी वाले से लेकर साउंड सिस्टम चलाने वाले तक के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी, लेकिन किसी विपक्षी नेता को रैली स्थल पर जाने से रोका नहीं जाएगा। Corona संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के लिए इमरान सरकार विपक्षी नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया।
13 इलाकों में लॉकडाउन किया
पंजाब प्रांत की सरकार ने विपक्षी पार्टियों की रैली को रोकने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान के आसपास के 13 इलाकों में ‘स्मार्ट Lockdown’ का एलान किया है। इन स्थलों से बिना अनुमति कोई अंदर या बाहर नहीं जा सकता है। इसके अलावा पंजाब के पार्क एंड हॉर्टिकल्चर अथॉरिटी (PHA) ने लाहौर पुलिस से Pakistan मुस्लिम लीग नवाज के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मीनार-ए- Pakistan के ताले तोड़ने के मामले में केस दर्ज करने का अनुरोध किया है। बता दें कि मीनार-ए-पाकिस्तान में ही विपक्षी पार्टियों का गठबंधन रैली करने पर अड़ा है।
गिलगिट-बाल्टिस्तान को सैन्य छावनी में बदलना चाहती है इमरान सरकार
मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा है कि Pakistan सरकार गुलाम कश्मीर में स्थित गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र को सैन्य छावनी में बदलना चाहती है। इसके लिए हाल ही में 60 फ्रंटियर कोर को क्षेत्र में भेजा गया है। गुलाम कश्मीर के मीरपुर इलाके के रहने वाले मिर्जा ने आरोप लगाया कि पाक सेना क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए गिलगिट-बाल्टिस्तान में नई चुनकर आई Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ सरकार का इस्तेमाल कर रही है। बता दें कि 60 फ्रंटियर कोर Pakistan का एक अर्धसैनिक बल है, जो वर्तमान में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में तैनात है।