प्रभु राम को गाली और रावण को आशीर्वाद! वाह री! सियासत, खूब रोटियां सेंक रहे राजभर

UP Assembly Elections 2022: लखनऊ के पांच सितारा होटल (5 Star Hotel) में 27 अगस्त की दोपहर घंटे भर चली एक मुलाकात ने यूपी की चुनावी सियासत पर नजर रखने वालों को चौंका दिया. इस मुलाकात उन तीन सियासी चेहरों के बीच थी, जो 2022 में यूपी के चुनावी दंगल में बड़े उलटफेर का ख्वाब देख रहे हैं. AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर और भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर.. इन तीनों की मुलाकात में गूंज रहा हंसी ठट्ठा यूपी के सियासी गलियारे में यकीनन खलबली मचा गया होगा. उसे सुनकर समाजवादी बबुआ की नींद उड़ रही होगी और बीएसपी वाली बुआ का चैन छीन रहा होगा.

आपको बताते चलें की nvr24 के पास एक्सक्लूसिव वीडियो है जिसमें ओमप्रकाश राजभर प्रभु राम को बुरा भला कहते हुए देखे जा सकते हैं, यही नहीं उस वीडियो में माता सीता और लक्ष्मण जी का भी अनादर किया गया है। लेकिन सियासत देखिये जिस प्रदेश की राजनीती प्रभु राम ककी इर्द गिर्द ही घूमती हो वहां उन्हें गाली देकर रावण को गले लगाया जा रहा है।

तीनों की मुलाकात वाली ये तस्वीर सवाल उठा रही है कि क्या यूपी की चुनावी सियासत में खलबली मचाने वाला नया गठजोड़ तैयार गया है? क्या यूपी में वोटों के सोशल इंजीनियरिंग के नये प्रयोग की बिसात बिछ गई है? सवाल तो ये भी है कि क्या भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने ओमप्रकाश राजभर को अपना नया राजनीतिक गुरू मान लिया है?

ओवैसी, राजभर और चंद्रशेखर आजाद.. यूपी की राजधानी लखनऊ के पांच सितारा होटल में इन तीनों की मुलाकात घंटे भर तक चली, लेकिन इस मुलाकात के बस मुश्किल मिनट भर के वीडियो बाहर आए. यूपी की सियासत के लिये सबसे सनसनीखेज खबर का खुलासा ओवैसी ने अपने ट्वीटर पर इस मुलाकात की फोटो डालकर किया.

हंसी ठट्ठे के बीच आए ओमप्रकाश राजभर ने ये बयान देकर सियासी पंडितों को चौंका दिया है कि किसी को कुछ समझ में नहीं आने वाला है.

सवाल ये है कि क्या ये मुलाकात अखिलेश और मायावती का चुनावी प्लान बदलने वाला साबित होगा? क्या ओवैसी, राजभर और चंद्रशेखर की इस मुलाकात के बाद मायावती अकेले चुनाव लड़ने की जिद छोड़ देंगी? क्या इस मुलाकात के बाद अखिलेश राजभर के गठबंधन वाले न्यौते पर हामी भरे देंगे? इस मुलाकात से सबसे बड़ी मुश्किल कांग्रेस की हो गई, जिसे यूपी की राजनीति में राजभर से लेकर बुआ-बबुआ तक ने अछूत ठहरा दिया है.

माना जा रहा है ओवैसी, राजभर और चंद्रशेखर की मुलाकात के बाद यूपी में मुस्लिम-दलित और पिछड़ा गठजोड़ का नया खेला होने वाला है. और ये सियासी दांव यूपी के 20 फीसदी मुस्लिम वोट- 22 फीसदी दलित वोट और 42 फीसदी गैर यादव ओबीसी वोटों पर एकजुट होकर चोट कर सकता है.

इसका इशारा साफ है क्योंकि इस मुलाकात के बाद ओवैसी ने बयान दिया है, ‘अखिलेश यादव पहले M-M यानी मुसलमान-मुस्लिम की बात करते हैं, जब मुख्यमंत्री बन जाते हैं फिर सिर्फ Y-Y यानी यादव-यादव की बात करने लगते हैं.’

वहीं राजभर के मुताबिक AIMIM के प्रमुख ओवैसी ने उनसे कहा है कि -‘BJP को छोड़कर किसी पार्टी या किसी दल से समझौता करिए हम आपके साथ हैं.’ उधर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ये कहते सुनाई दिये कि ‘न सुनने वाली सरकार को धमाके की जरूरत होती है इसलिए मैं हल्ला करता हूं. बीजेपी को हराने के लिये मैं किसी के भी साथ जा सकता है.’

चंद्रशेखर को अपने गठजोड़ में शामिल करने से मायावती साफ इनकार कर चुकी हैं. तो वहीं अखिलेश ने जानबूझकर चुप्पी साध रखी है. चंद्रशेखर की पिछले दिनों की साइकिल यात्रा में जिस तरह की भीड़ दिखाई दी, उसने बता दिया कि मायावती के दलित वोटबैंक में वो गहरी घुसपैठ कर चुके हैं.

सवाल अगर ये है कि इस मुलाकात में सियासत का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर कौन उभरा है. तो राजभर यहां भारी पड़ते दिख रहे हैं, क्योंकि इस मुलाकात में कैमरे के सामने चंद्रशेखर उनके पैर छूते दिख रहे हैं. ये अलग बात है कि इसका पूरा वीडियो जारी करने से खासतौर से बचा गया, लेकिन इतना इशारा ही काफी था.

इससे पहले राजभर और ओवैसी के सियासी टूट की खबरें आ चुकी हैं. जब राजभर ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से पिछले महीने घंटे भर तक बंद कमरे में मुलाकात की थी. अब बंद कमरे में हुई घंटे भर की ये दूसरी मुलाकात है. देखना ये है कि 22 के चुनावी दंगल में इसमें से कौन सी मुलाकात बड़ा गुल खिलाती है.

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