CAA और NRC पर लगातार हंगामा जारी है,कई जगह प्रदर्शन और आगजनी हो रही है । NRC और CAA अभी खत्म भी नही हुआ है कि सरकार अब NPR लाने की तैयारी कर रही है । जी हाँ अब मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है । सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगले हफ्ते मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेशन और जनगणना को मंजूरी मिल सकती है । नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) पर देशभर में मचे घमासान के बीच मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग भी की है । एनपीआर का उद्देश्य देश के सामान्य निवासियों का व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है । इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी ।
NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है और नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है । कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है. 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की । इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था ।