केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली और लखनऊ को जोड़ने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे लिंक बनाया जाएगा, जिससे दोनों शहरों के बीच आवागमन का समय कम होकर साढ़े तीन घंटे होने की उम्मीद है. गडकरी ने आगे कहा कि प्रस्तावित नए एक्सप्रेसवे लिंक का शिलान्यास अगले 10-12 दिनों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मौजूदगी में किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘हमने दिल्ली और लखनऊ को सीधे जोड़ने की योजना बनाई है.’ केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘नए एक्सप्रेसवे (लिंक) का काम पूरा होने के बाद हम दिल्ली और लखनऊ के बीच की दूरी को साढ़े तीन घंटे में पूरा कर लेंगे.’ गडकरी ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर कुशल परिवहन प्रणाली (आईटीएस) के उद्घाटन के दौरान आगे कहा कि यह भारत में स्मार्ट और हरित राजमार्गों के एक नए युग की शुरुआत है.
फिलहाल, दोनों शहर यमुना और ताज एक्सप्रेसवे के जरिए जुड़े हुए हैं. यहां यात्रा में 7 घंटे से ज्यादा का समय लगता है. गडकरी ने गुरुवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) को जनता को समर्पित किया. यह 82 किमी लंबा मार्ग दिल्ली में सराय काले खां को मेरठ से जोड़ता है. भारत सरकार लगातार सड़कों की सौगात दे रही है. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी.
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बयान जारी किया गया था, ‘594 किलोमीटर लंबा व छह लेन का एक्सप्रेस-वे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित किया जाएगा. मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर एक्सप्रेस-वे प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा.यह मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा.’
बीते महीने पीएम मोदी ने 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था. यह लखनऊ को पूर्वी उत्तरप्रदेश के गाजीपुर से जोड़ता है. एक्सप्रेसवे लखनऊ के बाहरी इलाके चांदसराए गांव से शुरू होता है और गाजीपुर जिले में एनएच-31 पर हदैरिया गांव पर खत्म होता है. यह अयोध्या, अमेठी और आजमगढ़ समेत 9 जिलों से निकलता है.