झारखंड की राजधानी रांची के बूटी बस्ती में इंजीनियरिंग की 19 साल की छात्रा से बर्बरता मामले के मुख्य आरोपी राहुल राज को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है। जांच एजेंसियों को ढाई साल तक चकमा देने के बाद राहुल राज CBI के हत्थे चढ़ा था और 19 महीने की सुनवाई के बाद शनिवार को CBI की विशेष अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनायी।
20 दिसंबर को CBI की स्पेशल कोर्ट के जज एके मिश्रा ने राहुल को दोषी करार दिया और 21 दिसंबर सुबह साढ़े 11 बजे फांसी की सजा सुना दी। जुर्माना भी लगाया. इस मामले में CBI ने इसी साल 19 सितंबर को आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 25 अक्टूबर, 2019 को राहुल के खिलाफ आरोप तय किये गये थे।
जज श्री मिश्र ने अपने फैसले में कहा, ‘इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में CBI द्वारा दायर आरोप पत्र, दस्तावेज, गवाहों और दोनों पक्षों की ओर से पेश की गयी दलीलों के आधार पर राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को दोषी करार दिया जाता है। उसे घर में घुस कर दुष्कर्म करने, हत्या करने और सबूत मिटाने के लिए IPC की धारा 302, 376, 449 और 201 के तहत दोषी पाया गया।’
ज्ञात हो कि बूटी मोड़ स्थित एक मकान में 15-16 दिसंबर (2016) की रात रामटहल चौधरी इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी थी। उसके शव को भी जला दिया गया था। 16 दिसंबर को छात्रा के पिता ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। पुलिस और CID ने मामले की जांच की, लेकिन वह किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सके। इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच CBI से कराने का आदेश दिया। CBI ने 28 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अनुसंधान की जिम्मेदारी परवेज आलम को दी। CBI ने अपराधी राहुल राज का पता लगाया।
इसके बाद फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर उसके द्वारा दुष्कर्म और हत्या की घटना को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया। CBI के वरीय लोक अभियोजक राकेश कुमार ने अदालत में पक्ष रखा। स्पीडी ट्रायल के दौरान CBI की ओर से सिर्फ 16 दिनों में 30 गवाहों का बयान दर्ज कराया। हत्या और दुष्कर्म के इस मामले में अभियुक्त की ओर से कोई गवाह नहीं पेश किया गया।
