20 जनवरी को जेपी नड्डा संभालेंगे BJP की कमान?

खरमास उतरते ही अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। 20 जनवरी को जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी होगी। इस समय जेपी नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष हैं और अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष। इस समय संगठन में चुनाव चल रहे हैं । 19 जनवरी तक BJP के 55 फीसदी से ज्यादा राज्य इकाइयों के चुनाव हो जाएंगे और उसके बाद ही 20 जनवरी को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।

जेपी नड्डा को BJP का अध्यक्ष चुने जाने के लिए संगठन चुनाव की पूरी प्रक्रिया का पालन होगा। पार्टी संविधान के मुताबिक कम से कम 51 फीसदी राज्यों के चुनाव हो जाने के बाद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है और इसी प्रक्रिया के तहत जेपी नड्डा को पार्टी के ग्यारहवें अध्यक्ष के रूप में चुना जाएगा।

साल 2019 में लोकसभा चुनाव में BJP की जीत के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह को गृहमंत्री बनाया गया और जुलाई में नड्डा को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। पिछले साल हुए आम चुनाव में नड्डा को राजनीतिक रूप से अहम उत्तरप्रदेश में BJP का चुनावी प्रभारी बनाया गया था जहां पर समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के महागठबंधन की वजह से पार्टी को कड़ी चुनौती मिल रही थी।

BJP को लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में 62 पर जीत मिली। आमचुनाव में BJP के लिए अहम राज्यों की जिम्मेदारी संभालने के अलावा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नड्डा मंत्री थे। वह BJP के सर्वोच्च निर्णय निकाय संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं।

जेपी नड्डा का जन्म साल 1960 में ब्राह्मिन परिवार में हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा पटना के संत जेवियर स्कूल में हुई और बीए उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से किया। इसका बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी, शिमला से लॉ की डिग्री ली। स्कूलिंग के दौरान नड्डा ऑल इंडिया जूनियर स्वीमिंग चैम्पियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नड्डा ने 11 दिसंबर 1991 को मल्लिका नड्डा से शादी रचाई और उनके 2 बच्चे हैं। नड्डा की सास जयश्री बनर्जी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं।

नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरुआत आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी से हुई और पहली बार 1993 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा पहुंचे और लगातार तीन बार विधायक चुने गए. वे 1994 से 1998 तक विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे। इसके बाद वे दोबारा 1998 में विधायक चुने गये। इस बार उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया।

2007 में फिर से नड्डा चुनाव जीते और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया। 2012 में जेपी नड्डा को राज्यसभा का सांसद चुना गया। उन्हें मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय की कमान सौंपी गई।

पिछले एक साल में 5 राज्यों से BJP की पकड़ जाने के बाद क्या जे.पी.नड्डा BJP के लिए राज्यों में अप्रत्याशित बदलाव ला सकते हैं? बड़ा सवाल है कि वह BJP के लिए क्या 2020 में नुकसानों को रोक सकते हैं, जब दिल्ली और बिहार में चुनाव होने है।

जेपी नड्डा को उनके मिलनसार व्यवहार के लिए जाना जाता है। BJP के एक राष्ट्रीय सचिव ने कहा, “उनका इनकार भी मुस्कान के साथ होता है।” ऐसे समय में जब BJP तेजी से सहयोगियों को खो रही है और उस पर अक्खड़ होने की बात कही जा रही है, ऐसे में नड्डा चेंजमेकर हो सकते हैं।

न सिर्फ शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए गठबंधन से चले जाने दिया गया बल्कि झारखंड चुनावों के पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से आजसू भी बाहर चली गई। इस बीच जनता दल (यूनाइटेड) बीते मई से उदास है, जब उसकी मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उचित प्रतिनिधित्व की मांग नहीं मानी गई और उसने केंद्रीय कैबिनेट से दूर रहने का फैसला किया।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1